इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिकार्ड रूम में बिना अनुमति आने वालों के ख़िलाफ़ जांच के दिए निर्देश
LiveLaw News Network
7 Aug 2019 1:43 AM GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को अदालत के वरिष्ठ रजिस्ट्रार को इस बात की नियमित जाँच करने का निर्देश दिया कि कितने ग़ैर-कर्मचारी/अनधिकृत लोग अदालत के विभिन्न विभागों, रिकार्ड रूमों में जाते हैं और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को कहा।
यह मुद्दा न्यायमूर्ति अजय लांबा और नरेंद्र कुमार जोहरी की खंडपीठ के समक्ष उस समय उठा जब रिट याचिका संबंधी अदालत की एक फ़ाइल गुम कर दी गई ताकि मामले को स्थगित किया जा सके। रिकार्ड रूम की सीसीटीवी फ़ुटेज देखने के बाद पता चला कि मनोज कुमार नामक एक व्यक्ति मिसलेनियस बेंच सेक्शन में फ़ाइल को छिपाने के लिए घुसा था। इस व्यक्ति ने ऐसा करके आईपीसी की धारा 380 और 411 के तहत अपराध किया। अदालत के लिए आश्चर्य की बात यह थी कि वह अदालत की रजिस्ट्री का कर्मचारी नहीं है और इसके बावजूद वह अदालत परिसर में बिना किसी परेशानी के आ-जा सकता है।
"ऐसा लगता है कि हाईकोर्ट के रिकार्ड रूम और अन्य विभिन्न सेक्शनों में बाहरी लोगों को लगातार घूमने-फिरने की इजाज़त दी जा रही है। यह गंभीर चिंता की बात है क्योंकि कोई अवांछित तत्व रिकार्ड में आग आदि लगाकर इन्हें नष्ट कर सकता है। इस तरह के संवेदनशील क्षेत्र में जहाँ रिकार्ड रखे जाते हैं, अनधिकृत लोगों की उपस्थिति सुरक्षा के लिए ख़तरा है और ख़ुद अदालत को इससे ख़तरा है," पीठ ने कहा।
इसके परिणामस्वरूप, अदालत ने रिकार्ड रूम और हाईकोर्ट के पिछले एक महीने का विभिन्न सेक्शनों से संबंधित सभी सीसीटीवी फ़ुटेज को सील करने का निर्देश जारी किया और यह पता करने को कहा है कि हाईकोर्ट के विभिन्न सेक्शनों में कितने ग़ैर-कर्मचारी/अनधिकृत लोग प्रवेश करते रहे हैं और इनके ख़िलाफ़ सेवा नियमों के तहत कार्रवाई करने को कहा।