'अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों की भर्ती में प्रतिमान बदलाव कर रही है': केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा, फैसला सुरक्षित
Sharafat
15 Dec 2022 6:39 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली और रक्षा सेवाओं में पिछली भर्ती योजना के अनुसार बहाली और इनरोलमेंट की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ को केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि यह योजना सशस्त्र बलों की भर्ती में "प्रतिमान बदलाव" कर रही है।
भाटी ने अदालत से कहा, "यह ऐसी योजना नहीं है जो केवल गुणात्मक अंतर या मात्रात्मक अंतर कर रही है। यह एक ऐसी योजना है जो देश की सशस्त्र बलों की भर्ती के तरीके में आमूलचूल बदलाव कर रही है।"
उन्होंने कहा: "...हम एक पूर्ण प्रतिमान बदलाव लाना चाहते हैं और यह नीति में सबसे बड़े बदलावों में से एक है...रक्षा भर्ती...जिसे देश देख रहा है। हम वर्षों में विकसित हुए हैं। हमने एक ब्रिटिश सेना के रूप में शुरुआत की थी लेकिन अब बाद में स्वतंत्रता के बाद हम विकसित हुए हैं।"
भाटी ने आगे कहा कि सरकार ने इस योजना को शुरू करने के लिए एक नीतिगत निर्णय लिया है, जो संबंधित सेवाओं में समान रूप से लागू की गई है।
उन्होंने कहा,
"हम जिस तरह से कर सकते थे, भर्ती के साथ आगे बढ़ने की पूरी कोशिश कर रहे थे... सरकार के उच्चतम स्तर पर जो निर्णय लिया था ... इस अध्ययन से जो कुछ निकला है, वह क्षितिज पर है, तौर-तरीके से काम किया जा रहा है और यह स्पष्ट है कि यह योजना एक आदर्श बदलाव करने जा रही है।"
भाटी ने कल अदालत को बताया था कि दिल्ली हाईकोर्ट में सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अपनी अग्निपथ योजना का बचाव करते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि योजना शुरू करने का निर्णय हल्के में नहीं लिया गया और नीति में बहुत अध्ययन किया गया है। भाटी ने बताया कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय वर्तमान में अग्निवीरों के स्किल मैपिंग पर काम कर रहा है।
भाटी ने कल अदालत से कहा था,
"यह (अग्निपथ योजना) निर्णय ऐसा नहीं है, जिसे हल्के में लिया गया हो। भारत संघ जागरूक है और उसे इस तथ्य का संज्ञान है ... भारतीय सशस्त्र बलों से संबंधित विशेषज्ञ सबसे अधिक पेशेवर हैं।"