दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को ज़िला अदालतों के डिजिटाइजेशन परियोजना को दो सप्ताह के भीतर स्वीकृति देने को कहा
LiveLaw News Network
4 July 2020 9:45 AM IST

प्रशासन के ढीले-ढाले रवैए की आलोचना करने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को ज़िला अदालतों के डिजिटाइजेशन पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमोनियम प्रसाद की पीठ ने कहा,
"किसी ज़रूरी मामले को लेकर दिल्ली सरकार के ढीले-ढाले रवैए पर हम टिप्पणी करने के लिए बाध्य हुए हैं, ख़ासकर कोरोना महामारी के दिल्ली में बिगड़ते हालात के कारण कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सीमित रूप में काम कर रहा है। दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह आज से दो सप्ताह के भीतर उपरोक्त दो ज़रूरी प्रस्तावों को शीघ्र मंज़ूरी दे।"
यह आदेश उस याचिका पर दिया गया है जिसमें ज़िला अदालतों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से लंबित मामलों में साक्ष्य को रिकॉर्ड करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
दिल्ली सरकार ने डिजिटाइज़ेशन से जुड़े चार ज़रूरी मामलों पर अमल के बारे में रिपोर्ट पेश की जिनकी पहचान पिछली सुनवाई में हुई थी।
इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा,
"...दिल्ली की ज़िला अदालतों में लगाए गए लोकल एरिया नेटवर्क के एएमसी के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया को शुरू करने को लेकर अनुमति के बारे में सिर्फ़ प्रथम प्रस्ताव को अनुमति दे दी गई है।
जहां तक दूसरे प्रस्ताव की बात है, दिल्ली की ज़िला अदालत परिसरों में लगे एलएएन के एनुअल रेट कॉंट्रैक्ट के लिए दो साल का ई-टेंडर जारी करने के संदर्भ में अमल पर जो हलफ़नामा दायर किया गया है उसमें कहा गया कि क़ानून मंत्री, जीएनसीटीडी ने वित्त मंत्रालाय को 29.06.2020 को प्रस्ताव भेजा। दिल्ली सरकार की पैरवी करने वाले एएससी अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि इसको अनुमति मिल गई।"
इस पर ओएसडी (परीक्षा) और ज़िला अदालतों के सेंट्रलाइज्ड कंप्यूटर कमेटी के अध्यक्ष ने संयुक्त रूप से बताया कि अमल रिपोर्ट में जिस आदेश की बात की गई है उसका एलएएन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका संबंध लैपटॉप और कंप्यूटरों आदि की ख़रीद से है।
नेटवर्क अटैच्ड स्टॉरिज की ख़रीद की जहां तक बात है, खर्च की अनुमति और राउटरों की ख़रीद के संबंध में दिल्ली सरकार ने कहा कि क़ानून मंत्री (जीएनसीटीडी) ने इन प्रस्तावों को आईटी विभाग को 26.09.2019 को भेजा है।
दिल्ली सरकार को तत्परता से काम करने की नसीहत देते हुए अदालत ने सभी लंबित प्रस्तावों पर अगली सुनवाई की तिथि से पहले स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
इस मामले की अगली सुनवाई अब 16 जुलाई को होगी।
इस मामले में याचिकाकर्ता की पैरवी अंकुश सतिजा, अंकुर महिंद्रो और संजोली मेहरोत्रा ने की।
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