अपने आरोपी मुवक्किल के बारे में साक्षात्कार देने वाले वक़ील के खिलाफ केरल बार काउंसिल ने कारण बताओ नोटिस जारी किया
LiveLaw News Network
19 July 2020 10:30 AM IST
वक़ील-मुवक्किल के बीच विशेषाधिकार का उल्लंघन कर एक टीवी चैनल को अपने मुवक्किल के बारे में साक्षात्कार देने वाले वक़ील के ख़िलाफ़ केरल बार काउंसिल ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
यह नोटिस तिरुवनंतपुरम के वक़ील केसरी कृष्णन नायर को जारी किया गया है जिन्होंने 16 जुलाई को एशिया नेट न्यूज़ चैनल को अपने एक मुवक्किल के बारे में साक्षात्कार दिया जो विवादास्पद सोना तस्करी मामले में एक आरोपी है।
इस नोटिस में कहा गया है कि साक्षात्कार देकर वक़ील ने अपने मुवक्किल का नुक़सान किया है जिसने उस पर विश्वास किया और अब उसने उसके इस विश्वास को तोड़ा है और इसके साथ ही बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया के अध्याय II के पार्ट VI के अधीन पेशेवराना व्यवहार से संबंधित नियमों का भी उल्लंघन है।
कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि
"एशिया नेट न्यूज़ में 16 जुलाई 2020 को प्रकाशित खबर के अनुसार आपने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया के अध्याय II के पार्ट VI के अधीन नियमों को तोड़ा है। इस तरह, आपने अपने मुवक्किल के हितों के ख़िलाफ़ काम किया है और क़ानूनी पेशे के ख़िलाफ़ भी।"
इस नोटिस में पेशेगत व्यवहार की प्रस्तावना को उद्धृत करते हुए कहा गया है,
"एक वक़ील कोर्ट के अधिकारी के रूप में जो उचित है उस तरीक़े से व्यवहार करता है, वह इस समुदाय के सदस्य के रूप में विशेषाधिकार रखता है और वह एक भलेमानुष होता है जो यह समझता है कि बार का सदस्य नहीं होने के रूप में या बार के ग़ैर-पेशेवर सदस्य के रूप में एक व्यक्ति के लिए जो भी क़ानूनी और नैतिक है वह एक वक़ील के लिए नहीं है।"
केरल बार काउंसिल ने कहा है कि टीवी चैनल को साक्षात्कार देकर और अपने मुवक्किल के हितों के बारे में खुलासा कर उसने क़ानूनी पेशे को बदनाम किया है। वक़ील ने ऐसा करके स्तरीय पेशेवराना व्यवहार के बारे में नियम 36 का उल्लंघन किया है।
नोटिस में कहा गया है कि
"नियम 15 कहता है कि वक़ील बिना किसी डर के सभी उचित और तरीक़े को अपनाते हुए अपने मुवक्किल के हित की बचाए रखेगा और इस बारे में अपनी सुविधा-असुविधा का भी वह ख़याल नहीं रखेगा। ऐसा लगता है कि आपने पेशेवर व्यवहार के नियमों का उल्लंघन करते हुए साक्षात्कार दिया है और अपने मुवक्किल के हितों का खुलासा किया है और इस तरह पेशेवराना व्यवहार के बारे में नियमों को तोड़ा है।"
बार काउंसिल ने वक़ील को नोटिस का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है और पूछा है कि क्यों न उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए।