"लोकतंत्र पर सीधा हमला": सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर हमले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर AAP एमएलए ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

LiveLaw News Network

31 March 2022 7:15 AM GMT

  • लोकतंत्र पर सीधा हमला: सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर हमले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर AAP एमएलए ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

    आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर हमले और तोड़फोड़ की घटना की एसआईटी जांच की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    अपनी याचिका में आप विधायक भारद्वाज ने आरोप लगाया गया कि यह हमला "भारतीय जनता पार्टी के गुंडों" की आड़ में किया गया।

    उक्त हमले को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताते हुए अधिवक्ता भरत गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में हमले और इसके अपराधियों के संबंध में एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और समयबद्ध आपराधिक जांच की मांग की गई। साथ ही भविष्य में मुख्यमंत्री और उनके आवास की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई।

    याचिका में आरोप लगाया गया कि 30 मार्च को "भाजपा के कई गुंडों" ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में सीएम के आधिकारिक आवास पर हमला किया। हमले के वीडियो और तस्वीरें दिखाते हैं कि अनजान लोग "दिल्ली पुलिस द्वारा बनाए गए सुरक्षा घेरे से लापरवाही से बाहर निकल गए।" पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों ने बूम बैरियर को लात मारी और उसे तोड़ दिया। उन्होंने सीसीटीवी कैमरों को लाठियों से तोड़ा, निवास गेट पर पेंट फेंका और लगभग गेट पर चढ़ गए। दिल्ली पुलिस के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

    इसलिए याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का समर्थन करता है, भले ही वह दिल्ली सरकार के खिलाफ हो। मगर विरोध-प्रदर्शन की आड़ में हिंसा की अनुमति नहीं दी जा सकती और न ही दी जानी चाहिए।

    याचिका में कहा गया,

    "इस मामले में हिंसा विशेष रूप से गंभीर है, क्योंकि यह दिल्ली के सीएम और उनके परिवार की ओर निर्देशित है। दिल्ली एनसीटी में सर्वोच्च निर्वाचित अधिकारी रहते हैं और इसलिए दिल्ली की निर्वाचित सरकार को वश में करने के लिए यह लोकतंत्र पर किया गया सीधा हमला है।"

    याचिका में आगे कहा गया कि दिल्ली पुलिस ने पूरी तरह से अपना कर्तव्य त्याग दिया। पुलिस ने इस तथ्य की परवाह नहीं की कि वे एक निर्वाचित संवैधानिक पदाधिकारी की रक्षा कर रहे है, जिसे दिल्ली पुलिस द्वारा ही Z+ सुरक्षा दी गई है।

    याचिका में आगे कहा गया,

    "इस प्रकार ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस गुंडों के साथ मिली हुई है, क्योंकि गुंडे केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ दल के सदस्य हैं, जिसका गृह मंत्रालय (प्रतिवादी नंबर दो) के माध्यम से दिल्ली पुलिस पर पूर्ण नियंत्रण है।"

    याचिका में कहा गया कि पूर्व में भी भाजपा के गुंडों द्वारा 2020 में उपमुख्यमंत्री के आवास पर हमला किया गया था, जहां दिल्ली पुलिस ने भी हमलावरों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया और उनके खिलाफ कोई ठोस आपराधिक कार्रवाई करने में विफल रही।

    "इसलिए, दिल्ली पुलिस के अब तक के आचरण और इस तथ्य को देखते हुए कि दिल्ली पुलिस केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नियंत्रण में है, यह आशंका है कि दिल्ली पुलिस न तो स्वतंत्र और निष्पक्ष कार्रवाई करेगी और न ही अपने अधिकारियों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर जेड प्लस सुरक्षा घेरा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार थे।

    यह कहते हुए कि निर्वाचित अधिकारियों पर हमले एक नियमित मामला बनता जा रहा है, याचिका में कहा गया कि यदि हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया और यदि दिल्ली पुलिस के दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय नहीं की गई तो पुलिस पर से जनता का विश्वास खत्म हो जाएगा। कानून का शासन और राजनीतिक हिंसा के खिलाफ इसे बचाने के लिए पुलिस की क्षमता में अपना विश्वास खो देगा।

    केस शीर्षक: सौरभ भारद्वाज बनाम दिल्ली पुलिस और अन्य

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