यूपी का एक तहसील 2012 से बिना कोर्ट रूम के: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी सरकार को 6 महीने के भीतर निर्माण पूरा करने और उन्हे शुरू करने का निर्देश दिया
LiveLaw News Network
31 Aug 2021 10:00 PM IST
यह देखते हुए कि प्रतापगढ़ जिले के लालगंज टाउन में न्यायालयों को खोलने का प्रश्न साल 2012 से लंबित है, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार और उच्च न्यायालय प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि लालगंज में अदालतें 6 महीने के भीतर काम करना शुरू कर दें।
न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने प्रतिवादियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि न्यायालय कक्षों का निर्माण कार्य, 6 महीने के निर्धारित समय के भीतर पूरा किया जाए और सहायक कर्मचारियों सहित अधिकारियों को तैनात किया जाए ताकि न्यायिक कार्य प्रभावित न हो। .
पिछली सुनवाई के दौरान, न्यायालय को इस तथ्य से अवगत कराया गया था कि लालगंज में सिविल जज, जूनियर डिवीजन का एक कोर्ट काम कर रहा है, जबकि अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश और सिविल जज, सीनियर डिवीजन और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालतें नहीं खुल सकी हैं।
इस तर्क के मद्देनजर, कोर्ट ने लीगल रिमेंबरेंसर को 16 अगस्त, 2021 को कोर्ट के सामने पेश होने के लिए कहा था और रजिस्ट्रार जनरल को उक्त अदालतों को खोलने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के संबंध में एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया था।
16 अगस्त को, न्यायालय के समक्ष लीगल रिमेंबरेंसर ने यह प्रस्तुत किया कि वह 5 करोड़ तुरंत रुपये की राशि मंजूर करेगा जिससे कि शेष दो न्यायालय कक्ष, अर्थात् अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं दीवानी न्यायाधीश (वरिष्ठ संभाग)/अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, लालगंज का निर्माण हो सके।
यह भी बताया गया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, लालगंज के न्यायालय के निर्माण की अधिसूचना प्रक्रियाधीन थी और इसे शीघ्र ही जारी किया जाएगा।
वहीं उच्च न्यायालय की ओर से पेश अधिवक्ता ने बताया कि वर्ष 2013 में तीन न्यायालय कक्षों के निर्माण के लिए 7.2 करोड़ रुपये का संशोधित अनुमान भेजा गया था, जिसमें से एक न्यायालय कक्ष का निर्माण किया जा चुका है और अभी दो कोर्ट रूम का निर्माण होना बाकी है।
इस पृष्ठभूमि में, अदालत ने निर्देश दिया कि 5 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा जारी की जाएगी, और उस राशि से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के एक न्यायालय के निर्माण की अधिसूचना भी बिना किसी देरी के जारी की जाएगी।
मामले को अब 6 महीने की समाप्ति के बाद आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।