कलकत्ता हाईकोर्ट में 72 साल पुराने मामले का निपटान किया

Shahadat

17 Jan 2023 6:05 AM GMT

  • कलकत्ता हाईकोर्ट में 72 साल पुराने मामले का निपटान किया

    Calcutta High Court

    कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा 72 साल से लंबित मामले निर्णय लिया गया, जिसमें जस्टिस रवि कृष्ण कपूर शामिल रहे।

    मामला कलकत्ता हाईकोर्ट के मूल पक्ष में वर्ष 1951 में दायर किया गया। कुछ समाचार रिपोर्टों ने दावा किया कि यह भारत का सबसे पुराना मामला है। हालांकि इसे और अधिक सत्यापन की आवश्यकता है।

    यह सूची 'बेरहामपुर बैंक लिमिटेड' के परिसमापन के मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमती है। दशकों से सुनवाई के लिए मामले को कई बार सूचीबद्ध किया गया। हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, मामला 3 नवंबर, 2008 को जस्टिस महाराज सिन्हा की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया। हालांकि, उन्हें मामले को स्थगित करना पड़ा, क्योंकि प्रतिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

    इसके बाद मामले को 1 नवंबर, 2011 को जस्टिस अशोक कुमार दासाधिकारी की एकल न्यायाधीश पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए बुलाया गया। लेकिन उस दिन पक्षकारों की ओर से कोई पेश नहीं हुआ जिसके कारण जज को निम्नलिखित आदेश लिखवाने के लिए प्रेरित होना पड़ा:

    “मामले को बुलाए जाने पर कोई भी प्रकट नहीं होता है। मामले को सूची से बाहर जाने दें।

    जाहिर तौर पर, यह मामला कम से कम अगले 11 वर्षों तक असूचीबद्ध रहा, जब तक कि यह 2 सितंबर, 2022 को जस्टिस रवि कृष्ण कपूर के बोर्ड में पेश नहीं हुआ। हालांकि, उस तारीख को भी दोनों पक्षों में से किसी के लिए कोई भी उपस्थित नहीं हुआ।

    इसलिए जस्टिस कपूर वकील को निर्देश देने के लिए विवश थे, जो आमतौर पर निर्देश लेने और परिसमापन में उक्त कंपनी के संबंध में 'स्टेटस रिपोर्ट' दाखिल करने के लिए आधिकारिक परिसमापक की ओर से उपस्थित होते हैं। आधिकारिक परिसमापक को यह पता लगाने का भी निर्देश दिया गया कि 1951 से बैंक की समापन कार्यवाही क्यों लंबित है।

    हालांकि मामले को अगली बार 6 सितंबर को सूचीबद्ध किया गया तो तब भी कोई उपस्थित नहीं हुआ। पिछले साल 19 सितंबर को सहायक आधिकारिक परिसमापक अदालत के सामने पेश हुए और कहा कि 11 अगस्त, 2006 को मामले का निपटारा कर दिया गया है।

    इस प्रकार, उपरोक्त को स्वीकार करते हुए अदालत ने आदेश दिया:

    “इस मामले को सूची से बाहर जाने दें। विभाग को अपने रिकॉर्ड में आवश्यक सुधार करने का निर्देश दिया जाता है।

    लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। यह 9 जनवरी, 2023 को जस्टिस कपूर के रोस्टर में फिर से दिखाई दिया, जिसमें 19 सितंबर, 2022 के उपरोक्त आदेश को ठीक करने का अनुरोध किया गया, जहां तक कि निपटान की तारीख 11 अगस्त, 2006 दर्ज की गई।

    अनुरोध यह था कि 11 अगस्त, 2006 के बजाय 18 अगस्त, 2006 के रूप में तारीख सही करें। न्यायालय ने अनुरोध की अनुमति दी और भारत के सबसे पुराने लंबित मुकदमे के इसके दायर होने के 72 साल बाद निपटान किया।

    केस टाइटल- बेरहामपुर बैंक लिमिटेड (परिसमापन में) के मामले में

    केस नंबर- सीपी/71/1951

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