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एनजीटी ने फ़ॉक्सवैगन पर उत्सर्जन की मात्रा को छिपाने वाला यंत्र लगाने के आरोप में लगाया ₹500 करोड़ का जुर्माना

Sukriti
16 March 2019 5:31 PM GMT
एनजीटी ने फ़ॉक्सवैगन पर उत्सर्जन की मात्रा को छिपाने वाला यंत्र लगाने के आरोप में लगाया ₹500 करोड़ का जुर्माना
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) जर्मनी की कार कंपनी फ़ॉक्सवैगन पर उत्सर्जन के नियम का उल्लंघन करने और इसको छिपाने के लिए कारों में यंत्र लगाने का दोषी पाते हुए उस पर ₹500 करोड़ का जुर्माना लगाया है।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनी पर इस जुर्माने की घोषणा की।पीठ ने दिल्ली के एक शिक्षक सलोनी ऐलवादी की याचिका पर यह फ़ैसला सुनाया। ऐलवादी ने यह याचिका तब दायर की जब उसको पता चला कि उसके पिता को चौथे चरण का कैंसर है।

उसके वक़ील संजीव ऐलवादी ने कहा कि मानवों में डीज़ल जलने की वजह से होने वाला कैंसर सबसे आम है। चूँकि फ़ॉक्सवैगन ने भारत और अन्य स्थानों पर उत्सर्जन के नियमों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन किया है और डीज़ल इंजन वाले कारों में उत्सर्जन को छिपाने के लिए उनमें यंत्र लगाए थे और प्रदूषण जाँच में ये कार कभी भी पकड़े नहीं जा सके जिसकी वजह से सड़कों पर नाइट्रोजन की काफ़ी मात्रा का उत्सर्जन हुआ।

"एनजीटी ने फ़ॉक्सवैगन पर ₹500 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है क्योंकि उसे प्रार्यावरण को नकसान पहुँचाने का दोषी पाया गया है और कारों में उत्सर्जन छिपाने वाले यंत्र लगाने का भी दोषी पाया गया है। जुर्माने की यह राशि कंपनी को दो महीने के भीतर जमा करनी है।

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