जाँच के लिए अदालत निर्धारित समय सीमा को आगे बढ़ाने की अपील समीक्षा नहीं है; सीआरपीसी की धारा 362 के तहत रोक इस पर लागू नहीं होता : दिल्ली हाईकोर्ट
Live Law Hindi
8 Jun 2019 6:32 AM GMT
![जाँच के लिए अदालत निर्धारित समय सीमा को आगे बढ़ाने की अपील समीक्षा नहीं है; सीआरपीसी की धारा 362 के तहत रोक इस पर लागू नहीं होता : दिल्ली हाईकोर्ट जाँच के लिए अदालत निर्धारित समय सीमा को आगे बढ़ाने की अपील समीक्षा नहीं है; सीआरपीसी की धारा 362 के तहत रोक इस पर लागू नहीं होता : दिल्ली हाईकोर्ट](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2019/02/750x450_03delhi-hcjpg.jpg)
दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना के मामले में यह कहा है कि अदालत ने जाँच के लिए जो समय सीमा निर्धारित की है उसको बढ़ाने की अपील का मतलब इस मामले की समीक्षा नहीं है और इसलिए सीआरपीसी की धारा 362 के तहत उस पर रोक प्रभावी नहीं हो सकती है।
इसके बाद, चूँकि जाँच निर्धारित समय पर पूरी नहीं हो पाई, सीबीआई ने जाँच पूरी करने के लिए और समय की माँग की।
इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि सीबीआई की अर्ज़ी पर ग़ौर किया जा सकता है।
"प्रतिवादी सीबीआई न तो पूर्व के आदेश की समीक्षा चाहती है न ही वह इसको समाप्त करने की अपील कर रही है बल्कि एजेंसी जाँच पूरी करने के लिए और समय की माँग कर रही है," न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा।
सीबीआई की अपील को स्वीकार करते हुए उसे जाँच पूरी करने के लिए 4 महीने का और समय दिया।
सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक अस्थाना और सीबीआई के उपाधीक्षक देवेंदर कुमार के ख़िलाफ़ 3 करोड़ का घूस लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज किया गया था।