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सीआरपीसी धारा 319: अगर किसी व्यक्ति का एफआईआर में नाम है पर अगर उसके ख़िलाफ़ चार्ज शीट नहीं हुआ है तो विरोध याचिका का समय समाप्त हो जाने के बाद भी उसे अदालत में बुलाया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़े]

Live Law Hindi
20 May 2019 1:12 PM GMT
सीआरपीसी धारा 319: अगर किसी व्यक्ति का एफआईआर में नाम है पर अगर उसके ख़िलाफ़ चार्ज शीट नहीं हुआ है तो विरोध याचिका का समय समाप्त हो जाने के बाद भी उसे अदालत में बुलाया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़े]
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निचली अदालत सीआरपीसी की धारा 319 के तहत उस व्यक्ति को अदालत में बुला सकता है अगर उसका नाम एफआईआर में है पर उसे चार्ज शीट नहीं दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा विरोध की याचिका दायर करने का समय निकल जाने के बाद भी किया जा सकता है।

राजेश और अन्य लोगों का नाम हत्या के लिए दर्ज एक एफआईआर में था। हालाँकि, चार अन्य लोगों के ख़िलाफ़ चार्ज शीट दायर किया गया और उनके ख़िलाफ़ अदालती कार्रवाई शुरू हुई। गवाहों से पूछताछ के दौरान अभियोजन पक्ष के गवाह ने राजेश और अन्य लोगों के इस अपराध में शामिल होने की बात कही। इसके बाद अभियोजन ने धारा 319 के तहत एक आवेदन देकर इन लोगों को अतिरिक्त आरोपी के रूप में अदालत में पेश होने का आदेश देने को कहा। हाईकोर्ट ने इसे मान लिया।

आरोपी ने जो अपील दायर की उसकी सुनवाई न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एमआर शाह ने किया। जजों ने हरदीप सिंह के मामले में संविधान पीठ के फ़ैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि अदालत धारा 319 के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए (1) उसके द्वारा दिए गए बयान के आधार पर उसे अदालत में बुला सकती है। कोर्ट को इसके लिए गवाह से पूछताछ होने तक प्रतीक्षा करने की ज़रूरत नहीं है। उसे आरोपी के ख़िलाफ़ किसी सबूत की प्रतीक्षा करने की भी ज़रूरत नहीं है और (ii) अगर कोई व्यक्ति जिसका एफआईआर में नाम नहीं है या ऐसा व्यक्ति जिसका एफआईआर में नाम तो है पर उसके ख़िलाफ़ अभियोग नहीं लगाया गया है या ऐसा व्यक्ति जिसे बरी किया जा चुका है तो उसे भी धारा 319 के तहत अदालत में बुलाया जा सकता है। पर इसके लिए ज़रूरी है कि उपलब्ध साक्ष्य से यह लगता हो कि इस व्यक्ति पर उन लोगों के साथ ही मुक़दमा चलाया जा सकता है जिनके ख़िलाफ़ अदालती कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।

"इस तरह, अगर मामले में शिकायतकर्ता द्वारा विरोध याचिका दायर करने की स्थिति बीत चुकी है ताकि अन्य लोगों को जिनका नाम एफआईआर में नहीं है उन्हें बुलाया जा सके जिनका नाम तो एफआईआर में है पर जिनके ख़िलाफ़ चार्ज शीट दाख़िल नहीं हुआ है, उसे भी कोर्ट धारा 319 के तहत अदालत में बुला सकता है और उनके ख़िलाफ़ अदालती कार्रवाई शुरू की जा सकती है बशर्ते अदालती सुनवाई के दौरान प्रस्तावित आरोपियों के ख़िलाफ़ सबूत सामने आए हों," कोर्ट ने कहा।


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