सुप्रीम कोर्ट ने 1 जनवरी, 2022 से कुछ श्रेणियों में याचिकाओं की ई-फाइलिंग अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं।
9 अक्टूबर, 2021 के पत्र के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के अध्यक्ष ने सभी हाईकोर्ट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है:
"(I) 1 जनवरी 2022 से सभी प्रकार के मामलों में/सरकार द्वारा दायर मामलों / याचिकाओं की ई-फाइलिंग अनिवार्य की जाएगी। इस तारीख के बाद सरकार द्वारा किसी भी मामले को फिज़िकल रूप से दर्ज नहीं किया जाना चाहिए।
(II) 1 जनवरी 2022 से राजस्व, कर, मध्यस्थता, वाणिज्यिक विवाद और उच्च न्यायालय द्वारा उचित समझे जाने वाली किसी भी अन्य श्रेणी के मामले के लिए ई-फाइलिंग अनिवार्य की जानी है।
(III) 1 जनवरी 2022 से अधीनस्थ न्यायालयों के निर्णयों/आदेशों के विरुद्ध याचिकाओं, अपीलों और संशोधनों की ई-फाइलिंग अनिवार्य की जाएगी। अपील या पुनरीक्षण की ई-फाइलिंग के मामले में निचली अदालत के आवश्यक रिकॉर्ड अपीलीय/पुनरीक्षण न्यायालय के साथ डिजिटल रूप से लिंक कर सकते हैं।
(IV) बकाया राशि की वसूली के लिए वाद (बैंकों द्वारा ऋण वसूली सूट, किराए का बकाया, आदि), परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायतें, भरण पोषण के लिए आवेदन, आपसी सहमति से तलाक के लिए याचिका और जमानत आवेदनों के लिए लिए भी ई-फाइलिंग अनिवार्य करने पर विचार किया जा सकता है।
(V) यदि ई-फाइलिंग की गई है तो केस फाइल की फिज़िकल कॉपी जमा करने की आवश्यकता वापस लेने के लिए उपयुक्त प्रैक्टिस नोट/सर्कुलर जारी किया जा सकता है।