दोषी का प्रतिनिधित्व ना होने पर हाई कोर्ट मेरिट के आधार पर दोषसिद्धी के खिलाफ अपील नहीं निपटा सकता : सुप्रीम कोर्ट [आर्डर पढ़े]
Live Law Hindi
31 July 2019 12:57 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि किसी अभियुक्त द्वारा दोषसिद्धी के खिलाफ दायर अपील को अपीलकर्ता या उसके वकील की सुनवाई के बाद ही मेरिट के आधार पर निपटाया जा सकता है।
"जहां अपीलकर्ता के लिए सुनवाई की तारीख पर वकील अनुपस्थित है तो न्यायालय या तो एक एमिकस क्यूरी की नियुक्ति करेगा और फिर अपील का फैसला करेगा। एक बार सजा के खिलाफ अपील स्वीकार किए जाने के बाद यह अपीलीय अदालत का कर्तव्य है कि मेरिट पर मामले को सुनने और फिर अपील का निपटान करने के लिए वह या तो एमिकस क्यूरी नियुक्त करे या कानूनी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से एक वकील को नामित करे। जब अपीलकर्ता का वकील द्वारा प्रतिनिधित्व नहीं किया गया था तो हमारे विचार में, उच्च न्यायालय को इस मामले में मेरिट पर फैसला नहीं करना चाहिए था और ये आदेश रद्द करने लायक है। इस मामले को उच्च न्यायालय में वापस भेजा जा रहा है।"
अपील को उच्च न्यायालय में वापस भेजते हुए पीठ ने यह कहा कि यदि अपीलकर्ता का अभी भी प्रतिनिधित्व नहीं किया जाता है तो उच्च न्यायालय कानूनी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अपीलकर्ता के लिए एक वकील को नामित कर सकता है और मामले को आगे बढ़ा सकता है।