अगर किसी जोड़े का बच्चा स्वाभाविक रूप से पैदा हुआ है तो भी ईसाई क़ानून के तहत बच्चे को गोद लेने पर रोक नहीं : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़े]

Live Law Hindi

11 July 2019 7:03 AM GMT

  • अगर किसी जोड़े का बच्चा स्वाभाविक रूप से पैदा हुआ है तो भी ईसाई क़ानून के तहत बच्चे को गोद लेने पर रोक नहीं : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़े]

    हिंदू क़ानून के उलट, ईसाई क़ानून में स्वाभाविक रूप से पैदा बच्चा होने के बावजूद ईसाई जोड़े को लड़का या लड़की को गोद लेने पर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और एमआर शाह की पीठ ने यह बात कही।

    इस मामले [(Pharez John Abraham (Dead) vs. Arul Jothi Sivasubramaniam K.], में कर्नाटक हाईकोर्ट ने Philips Alfred Malvin v. Y.J. Gonsalvis AIR 1999 Kerala 187 मामले में केरल हाईकोर्ट के फ़ैसले का ज़िक्र करते हुए कहा कि अगर प्रतिवादी और किसी अन्य के बारे में यह निर्धारित हो जाता है कि उन्हें गोद लिया गया था, ईसाई जोड़े को बच्चों को गोद लेने की अनुमति है और हिंदू क़ानून के उलट ईसाई जोड़ों के स्वाभाविक रूप से पैदा हुए अपने बच्चे होने के बावजूद अन्य बच्चों को गोद लेने पर कोई पाबंदी नहीं है।

    यह नोट करने की ज़रूरत है कि ईसाई क़ानून में गोद लेने पर कोई पाबंदी नहीं है। एक बार जब कोई मूल प्रतिवादी नम्बर 3 और स्वर्गीय मकाबो दोनों ही जॉन डी अब्राहम के गोद लिए बच्चे थे, दोनों को अब्राहम की संपत्ति में हिस्सेदारी बन जाती है – वे जॉन डी अब्राहम की विवादित सम्पत्ति में साझीदार बन जाते हैं।

    गोद लेने की प्रक्रिया की वजह से बच्चा एक नए परिवार में जाता है तो वह उस परिवार का वैसे ही हिस्सा बन जाता है जैसे कि वह उस परिवार में पैदा हुआ बेटा या बेटी हो और उसको वही अधिकार प्राप्त होता है जो स्वाभाविक रूप से पैदा हुए बच्चों को प्राप्त होता है। इस तरह जो अधिकार एक स्वाभाविक रूप से पैदा हुए बच्चे को प्राप्त होता है वही अधिकार गोद लने वाले परिवार में उस बच्चे को मिल जाता है जिसे गोद लिया जाता है।


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