आरोपी एक युवा लड़का था : बॉम्बे हाईकोर्ट ने एसिड अटैक हत्या केस में आरोपी की मौत की सज़ा को उम्रकैद में बदला [निर्णय पढ़े]
Live Law Hindi
15 Jun 2019 10:41 AM IST
"यह इंगित करने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि अभियुक्त सुधार और पुनर्वास से परे था।"
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एसिड-अटैक-मर्डर केस के आरोपी शख्स की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है।
एसिड हमले के चलते हुई थी पीड़िता की मृत्यु
प्रीति अमरसिंह रथ (पीड़िता/मृतक) को मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेज में नर्सिंग ऑफिसर के रूप में चयन किया गया था और वो मुंबई में नौसेना के दफ्तर जाने के लिए रास्ते में थी। उसी समय अंकुर नारायणलाल पंवार ने उस पर तेजाब फेंक दिया। कुछ दिनों के बाद उसने इस हमले के कारण दम तोड़ दिया। ट्रायल कोर्ट ने अंकुर को दोषी ठहराया और उसे मौत की सजा सुनाई।
मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल गया
लेकिन न्यायमूर्ति बी. पी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति प्रकाश डी. नाइक की बॉम्बे हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि मामले की परिस्थिति और विशेष रूप से एसिड की पसंद हत्या की सोची समझी साजिश का खुलासा नहीं करती है। पीठ ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दर्ज दोषसिद्धि को बरकरार रखा लेकिन मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था।
पीठ ने कहा कि इस मामले में आरोपी घटना के समय लगभग 23 वर्ष की आयु का युवा लड़का था और उसका कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इस तरह इस मामले को "दुर्लभतम" मामला नहीं कहा जा सकता है।
"ट्रायल कोर्ट ने सामूहिक विवेक से इसपर भरोसा किया कि अपीलकर्ता इस मामले में मृत्युदंड का हकदार है। ट्रायल कोर्ट ने अपराध परीक्षण पर भी भरोसा किया है कि ये मामला 'दुर्लभतम' है लेकिन आपराधिक परीक्षण की अनदेखी की है जैसा कि कई फैसलों में कहा गया है।
अदालत ने आगे कहा, "यह इंगित करने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि आरोपी सुधार और पुनर्वास से परे है, जैसा कि बचन सिंह और अन्य के मामलों द्वारा अनिवार्य बनाया गया है। सजा कम करने के लिए स्थिति यह है कि अपराध के समय आरोपी कम उम्र का था और ट्रायल कोर्ट द्वारा इसे नजरअंदाज कर दिया गया था। इन परिस्थितियों में हालांकि अभियुक्तों को दोषी ठहराए जाने की पुष्टि की जा रही है, मौत की सजा अब उम्रकैद की सजा होगी।"