दिल्ली हाईकोर्ट ने अधिकारियों से कहा, भारतीय नागरिक से शादी करनेवाली पाकिस्तानी महिला को परेशान नहीं करें
Live Law Hindi
20 March 2019 12:32 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने उस पाकिस्तानी महिला को अंतरिम राहत दी है जिसे भारत छोड़ने का नोटिस सुना दिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 25 मार्च तक उसके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं करें।
"हालाँकि, उसे हर दूसरे दिन नज़दीकी थाने में 11 बजे सुबह जाकर रिपोर्ट करना होगा। थाने में रिपोर्टिंग के दौरान किसी भी दिन अपीलकर्ता नम्बर 2 को थाने में एक घंटा से ज़्यादा बैठाए नहीं रखा जाएगा," पीठ ने कहा।
यह महिला एक पाकिस्तानी नागरिक है और उसने एक भारतीय मोहम्मद जावेद से शादी की है और उनके दो बच्चे हैं जो कि दिल्ली के स्कूलों में पढ़ते हैं। वर्ष 2015 में उसको लम्बी अवधि की वीज़ा दी गई जिसके आधार पर वह भारत में रह रही है।
इन दंपतियों ने भारत छोड़ने के सरकारी आदेश के ख़िलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी।
न्यायमूर्ति विभू बकरु की एकल पीठ ने इस अपील को यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि इस महिला को इस देश में रहने का अधिकार नहीं है क्योंकि वीज़ा देना भारत सरकार का विशेषाधिकार है। जज ने कहा था,
"प्रतिवादी के पास उपलब्ध सूचना पर भी कोर्ट ने ग़ौर किया है और वह इस आदेश को स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि जो आदेश दिया गया है वह मनमाना है या निराधार है। जैसा कि ऊपर नोटिस किया गया है, याचिकाकर्ता नम्बर 2 ऐसा कोई अधिकार स्थापित करने में सफल नहीं हुई है जिसके आधार पर उसको भारत में रहने का अधिकार हासिल हो। इस स्थिति में, यह कोर्ट याचिकाकर्ता को वह राहत नहीं दे सकता जिसकी माँग उसने की है।"
इसके बाद इस आदेश को अपीलकर्ताओं ने खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी।