पत्नी के लिए नया गैस कनेक्शन लेने के लिए करे भुगतान-बाॅम्बे हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा के मामले में पति को दिया निर्देश [आर्डर पढ़े]

Live Law Hindi

24 April 2019 9:24 AM GMT

  • पत्नी के लिए नया गैस कनेक्शन लेने के लिए करे भुगतान-बाॅम्बे हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा के मामले में पति को दिया निर्देश [आर्डर पढ़े]

    बाॅम्बे हाईकोर्ट ने पिछले दिनों ही एक जीवेश शेट्टी नामक व्यक्ति को निर्देश दिया है िकवह अपनी पत्नी के नाम नया गैस कनेक्शन लेने के लिए पैसों दे। उसकी पत्नी ने कोर्ट को बताया था कि 16 मार्च को उसकी सास उनके वैवाहिक घर से कुकिंग गैस,फ्रीज व वाशिंग मशीन को उठाकर ले गई।

    जस्टिस मृदुल भटकर इस मामले में शेट्टी की तरफ से दायर एक आपराधिक रिट पैटिशन पर सुनवाई कर रहे थे। जिसमें सेशन कोर्ट के 11 अप्रैल 2019 के आदेश को चुनौती दी गई थी। अपने आदेश में सेशन कोर्ट ने शेट्टी को निर्देश दिया था कि वह सभी सुविधाएं अपनी पत्नी व पांच साल के बच्चे के वापिस उपलब्ध कराए,जो उनसे ले ली गई थी।

    यह आदेश शेट्टी की पत्नी की तरफ से दायर एक अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया था। जिसमें शेट्टी की पत्नी ने कहा था कि उसकी सास उसके घर से वाशिंग मशीन,फ्रीज को उठाकर ले गई। इतना ही नहीं उसे गैस सिलेंडर व वाटर फिल्टर भी प्रयोग नहीं करने दे रही है।

    सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रिटायर्ड जस्टिस डी.के देशमुख को बतौर मध्यस्थ नियुक्त किया है ओर मामले में समझौते के लिए दो मई 2019 की तारीख तय की है।

    प्रतिवादी पत्नी के वकील वेजले मेनेजेस ने दलील दी कि उसकी मुविक्कल घर में बिना कुकिंग गैस,फ्रीज व वाशिंग मशीन के रह रही है। जबकि उनके घर में गैस कनेक्शन और गैस स्टोव है। सिलेंडर खाली पड़े है। गैस कनेक्शन उसकी सास के नाम है। परंतु वह उनको इस गैस कनेक्शन का उपभोक्ता नंबर नहीं दे रही है। इसलिए प्रतिवादी पत्नी घर में खाना नहीं बना पा रही है और इसके लिए पड़ोसियों के गैस कनेक्शन पर निर्भर है। उसके पास एक पांच साल का बच्चा है,इस कारण उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    दूसरी तरफ याचिकाकर्ता पति के वकील प्रशांत अहीर ने दलील दी कि सेशन कोर्ट का आदेश अवैध है और उस पर रोक लगाई जानी चाहिए। सेशन कोर्ट के समक्ष दायर अर्जी में प्रतिवादी पत्नी ने बनावटी असुविधा दिखाई है। ताकि उसे सुप्रीम कोर्ट में भी दिखाया जा सके।

    कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई 3 मई 2019 के लिए तय की गई है। इस दौरान प्रतिवादी पत्नी चाहे तो अपने नाम नए गैस कनेक्शन के लिए अप्लाई कर सकती है। वहीं याचिकाकर्ता पति को निर्देश दिया जाता है िकवह नए गैस कनेक्शन,रेगुलेटर व गैस-स्टोव का खर्च दे। यह पैसा महिला को दिए जा रहे गुजारे भत्ते की राशि से अलग होगा।


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