देशी माल अगर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के शुल्क-मुक्त दुकानों में आपूर्ति की जाती है तो उस पर जीएसटी लगेगा : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट [आर्डर पढ़े]
Rashid MA
16 Jan 2019 4:31 PM IST
मध्य पदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर देश में बनी हुई वस्तुओं की आपूर्ति होती है तो उस पर जीएसटी देय होगा।
न्यायमूर्ति सतीश चंद्रा शर्मा और वीरेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं कहा जा सकता कि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मौजूद शुल्क-मुक्त दुकाने देश के बाहर हैं।
भारत में गारमेंट बनाने और इसका निर्यातक जो अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मौजूद शुल्क-मुक्त दुकानों को इसकी आपूर्ति करते हैं, ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें जीएसटी चुकाने से छूट मिलनी चाहिए। उसने हाईकोर्ट में कहा कि उसको पुराने उत्पाद शुल्क व्यवस्था के तहत जो लाभ मिला हुआ था वह जीएसटी के तहत नहीं मिल रहा है। पुरानी व्यवस्था में उसे बिना शुल्क के अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर मौजूद इन दुकानों को अपने माल की आपूर्ति की अनुमति थी।
उसने हाईकोर्ट से यह भी आदेश देने का आग्रह किया कि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर मौजूद इन दुकानों को होने वाली वस्तुओं की आपूर्ति को निर्यात माना जाए क्योंकि शुल्क-मुक्त ये दुकानें सीमा शुल्क की पहुँच से परे है।
पीठ ने कहा कि डीएफएस दुकाने भले ही वे सीमा शुल्क की पहुँच से परे हो या उसके अंदर, भारत के अंदर ही होंगी बशर्ते कि ये विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के बाहर (जैसे 200 नौटिकल मील) ना हों।
"सीजीएसटी अधिनियम के लिए, भारत का विस्तार विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के बेसलाइन से 200 नौटिकल मील तक है। डीएफएस का लोकेशन भले ही यह सीमा शुल्क के क्षेत्र के बाहर हो या अंदर, वह भारत में ही होंगी बशर्ते कि ये ईईज़ेड (200 नौटिकल मील) के ना स्थित हों। इसलिए डीएफएस भारत की सीमा के बाहर स्थित हैं, ऐसा नहीं कहा जा सकता। इसके उलट, डीएफएस भारत में ही स्थित हैं," कोर्ट ने कहा।
"चूँकि डीएफएस को होने वाली आपूर्ति 'भारत के बाहर स्थित किसी क्षेत्र में नहीं हो रही है', इसलिए इस तरह की आपूर्ति को जीएसटी के तहत 'वस्तु का निर्यात' नहीं कहा जा सकता। इसलिए इस तरह की आपूर्ति बिना शुल्क चुकाए नहीं हो सकती है।
पीठ ने कहा कि जीएसटी से पूर्व जो छूट मिलता था उसे अधिकार मानकर इसका दावा नहीं किया जा सका है।