Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

WB की पूर्व IPS भारती घोष को राज्य में प्रवेश से रोकने की अर्जी लेकर सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, नोटिस जारी

Live Law Hindi
7 April 2019 3:53 PM GMT
WB की पूर्व IPS भारती घोष को राज्य में प्रवेश से रोकने की अर्जी लेकर सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, नोटिस जारी
x

पूर्व IPS भारती घोष को पश्चिम बंगाल में प्रवेश से रोकने के लिए राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने घोष को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। घोष घाटल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार घोषित की गई हैं। उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सरंक्षण दे रखा है।

जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने हालांकि शुक्रवार को कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि भारती अपने खिलाफ मामलों के गवाहों को प्रभावित कर रही हैं और वो क्षेत्र में अशांति फैला रही हैं इसलिए उसके राज्य में प्रवेश पर रोक लगाई जाए। वहीं घोष के वकील ने कहा कि ये कदम उन्हें चुनाव से रोकने के लिए उठाया जा रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में नोटिस जारी किया है और मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को तय की है।

19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया था कि वो भारती घोष के खिलाफ किसी भी आपराधिक मामले में गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई ना करे। पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष ने अपने खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के नए मामलों में सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल पुलिस की संभावित कार्रवाई से संरक्षण की मांग की थी।

एक समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीब माने जाने वाली भारती घोष ने दावा किया है कि पुलिस उनके खिलाफ गलत कार्रवाई कर रही है।

दरअसल राज्य की सीआईडी ने उनके खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और एसपी पद पर रहते हुए क्षमता का इस्तेमाल कर इलाके के कारोबारियों से जबरदस्ती सोना लेने और रुपये नहीं देने का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। उनके कोलकाता के मदुरदाहा और पश्चिम मिदनापुर के आवासों पर छापेमारी की गई जहां से कई किलो सोना, दो करोड़ रुपये नगदी, विदेशी शराब और कई सरकारी गोपनीय दस्तावेज बरामद करने का दावा किया गया।

वहीं भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पूर्व TMC सांसद सौमित्र खान ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है जिसमें सैंड माइनिंग मामले में उन्हें बांकुरा निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि वो चुनाव के लिए नामांकन दाखिल नहीं कर पा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट इस पर अगले हफ्ते सुनवाई को तैयार हो गया है।

Next Story