वकीलों के मोबाइल फोन से पेश होने से वर्चुअल सुनवाई में समस्या हो रही है: सीजेआई रमाना ने नाराजगी जताई
LiveLaw News Network
17 Jan 2022 1:17 PM IST
चीफ जस्टिस एनवी रमाना ने सोमवार को वकीलों के अपने मोबाइल फोन से वर्चुअल सुनवाई में भाग लेने पर नाखुशी व्यक्त की। मोबाइल से वर्चुअल सुनवाई में शामिल होने से पीठ के लिए सुनवाई के दौरान वकीलों को सुनना या देखना मुश्किल हो गया।
सीजेआई एनवी रमाना ने टिप्पणी की,
"ये वकील अपने मोबाइल फोन से पेश होते हैं। सुनवाई के दौरान वे दिखाई नहीं देते हैं। मुझे लगता है कि हमें मोबाइल से पेश होने पर प्रतिबंध लगाना होगा।"
सीजेआई ने एक वकील से पूछा,
"समस्या क्या है? अब आप सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं। आप हर रोज पेश होते हैं। कम से कम आपके पास डेस्कटॉप तो होगा ही?"
जब एक दूसरे मामले में भी यही समस्या बनी रही तो सीजेआई रमाना ने वकील से कहा,
"समस्या यह है कि आप एक नियमित प्रैक्टिस करने वाले वकील हैं। आप अपने कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं, पर आप अपने मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं।"
मामले में पेश वकील को संबोधित करते हुए जस्टिस हिमा कोहली ने कहा,
"आपके पास एक डिवाइस होना चाहिए। क्या आपके पास कोई डिवाइस नहीं है? कोई आईपैड, डेस्कटॉप या लैपटॉप?"
जब एक और मामले में फिर यही समस्या आई तो सीजेआई रमाना ने टिप्पणी की,
"यह सुबह से ही हो रहा है। हम 10 मामलों में हुए इसी किस्म के व्यवहार से थक गए हैं। कृपया समझें, आप सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील हैं, आपको समस्या क्या है? आप किसी आईपैड, लैपटॉप या डेस्कटॉप का उपयोग क्यों नहीं करते? मैं इस मोबाइल फोन का उपयोग करने वाले निचली अदालतों के वकीलों को समझ सकता हूं।"
बेंच के उठने से पहले सीजेआई ने कोर्ट स्टाफ से कहा,
"आप कृपया वकीलों से डेस्कटॉप या लैपटॉप का उपयोग करने के लिए कहें, न कि मोबाइल फोन का। हमें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। डिस्कनेक्ट न करें लेकिन उन्हें बताएं कि मोबाइल फोन से सुनवाई में समस्या है।"
COVID-19 के ओमीक्रॉन वैरिएंट के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के वर्चुअल मोड में वापस आ गया है। न्यायालय ने तीन जनवरी, 2021 से दो सप्ताह के लिए वर्चुअल मोड के माध्यम से सभी सुनवाई करने का निर्णय लिया था।