वाहन की मरम्मत में डीलर/अधिकृत सर्विस सेंटर की सेवा में कमी के लिए वाहन निर्माता को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
LiveLaw News Network
16 Nov 2021 1:55 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वाहन की मरम्मत में डीलर या अधिकृत सर्विस सेंटर की सेवा में किसी भी कमी के लिए वाहन निर्माता को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।
इस मामले में शिकायतकर्ता ने वर्ष 1999 में एक 'होंडा सिटी' कार खरीदी। 2010 में कार एक दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गई और मरम्मत के लिए अधिकृत सर्विस सेंटर ले जाया गया।
निर्माता के साथ-साथ डीलर और सर्विस सेंटर की ओर से कमी का आरोप लगाते हुए जिला फोरम के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई थी।
जिला फोरम ने शिकायत को स्वीकार कर लिया लेकिन यह माना कि निर्माता को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि ऐसा कोई दावा नहीं था कि वाहन में कुछ विनिर्माण दोष है। राज्य आयोग (एससीडीआरसी) ने इस निष्कर्ष की पुष्टि की।
हालांकि, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने शिकायतकर्ता द्वारा दायर रिवीजन याचिका को स्वीकार कर लिया और निर्माता को 2,50,000 रुपये की मामूली राशि के भुगतान पर शिकायतकर्ताओं को एक नई होंडा सिटी कार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
अपील में, पीठ ने निर्माता द्वारा किए गए प्रस्तुतीकरण के साथ सहमति व्यक्त की कि कोई सामग्री नहीं है कि दुर्घटना किसी भी निर्माण दोष के परिणामस्वरूप हुई हो।
अदालत ने टाटा मोटर्स लिमिटेड बनाम एंटोनियो पाउलो वाज़ में दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि यदि वाहन की मरम्मत के लिए सहायता प्रदान करने में डीलर या अधिकृत केंद्र की सेवा में कोई कमी है, तो वाहन के निर्माता को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।
अदालत ने देखा कि जिला फोरम ने केवल डीलर और अधिकृत सर्विस सेंटर को उनकी ओर से कमी के लिए उत्तरदायी बनाने के लिए उचित था। अदालत ने अपील की अनुमति देते हुए कहा कि इन निष्कर्षों की राज्य आयोग द्वारा सही पुष्टि की गई थी और राष्ट्रीय आयोग को अपीलकर्ता पर बोझ डालने और अपीलकर्ता को सद्भावना संकेत के रूप में एक नया वाहन प्रदान करने के लिए निर्देश पारित नहीं करना चाहिए था।
केस का नाम और उद्धरण: होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड बनाम सुदेश बेरी | एलएल 2021 एससी 649
मामला संख्या और दिनांक: एसएलपी (सी) 11986/2020 | 12 नवंबर 2021
कोरम: जस्टिस यूयू ललित और जस्टिसि एस. रवींद्र भाटी
वकील: याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जगदेव सिंह