विधि विरुद्ध जमाव : धारा 149 IPC के अंतर्गत अपराध का ट्रायल केवल इसलिए अवैध नहीं क्योंकि धारा 141 लागू नहीं की गई, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पढ़ें

LiveLaw News Network

19 Aug 2019 2:52 AM GMT

  • विधि विरुद्ध जमाव : धारा 149 IPC के अंतर्गत अपराध का ट्रायल केवल इसलिए अवैध नहीं क्योंकि धारा 141 लागू नहीं  की गई, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पढ़ें

    सुप्रीम कोर्ट ने यह पाया है कि जब तक विधिविरुद्ध जमाव (unlawful assembly) के सभी तत्व (ingredients) पूरे होते हैं, तब तक भारतीय दंड संहिता की धारा 149 को बरक़रार रखा जा सकता है और धारा 141 आईपीसी को सामने लाए बिना भी धारा 149 आईपीसी के तहत अवैध नहीं माना जाएगा।

    धारा 149 आईपीसी में यह कहा गया है कि विधिविरुद्ध जमाव (unlawful assembly) का हर सदस्य, सामान्य उद्देश्य (common object) को अग्रसर करने के लिए किए गए अपराध का दोषी हो सकता है। धारा 141 'विधिविरुद्ध जमाव' (unlawful assembly) को एक सामान्य उद्देश्य के साथ 5 या अधिक व्यक्तियों के जमाव के रूप में परिभाषित करती है और धारा 143 ऐसे 'विधिविरुद्ध जमाव' (unlawful assembly) का हिस्सा होने की सजा का प्रावधान करती है।

    इस मामले में [देव करण बनाम हरियाणा राज्य] दी गयी एक दलील यह थी कि जब तक आईपीसी की धारा 141 के तहत विधिविरुद्ध जमाव (unlawful assembly) के अनुक्रमक के रूप में धारा 143 के अंतर्गत सजा नहीं दी जाती है, तब तक आईपीसी की धारा 149 को लागू करने का कोई कारण नहीं बनता है। सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए यह तर्क दिया गया कि किसी मामले में आईपीसी की धारा 141 को लागू नहीं करने का मतलब यह है कि उस मामले में विधिविरुद्ध जमाव (unlawful assembly) का गठन ही मौजूद नहीं था।

    इन प्रस्तुतियों से असहमति जताते हुए न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने यह कहा कि ऐसा निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि यदि आरोप तय करते समय आईपीसी की धारा 141 को शामिल नहीं किया गया तो यह कोई बड़ा दोष होगा, जो पूरे ट्रायल को अवैध कर दे, या इसका परिणाम यह होगा कि इसके चलते आईपीसी की धारा 149 को लागू करने का कोई अवसर नहीं रह जाएगा।

    अदालत ने कहा:

    "इन निर्णयों में अभिनिर्णित बिंदु कि आईपीसी की धारा 149 को लागू करने के लिए क्या आवश्यक है, इसको लेकर पेश वकील महोदय ने न्यायिक फैसलों की सही परिप्रेक्ष्य में सराहना नहीं की है। यह कहीं नहीं कहा गया है कि किसी मामले में आईपीसी की धारा 141 को विशेष रूप से लागू किया जाना चाहिए, अन्यथा इसके परिणाम घातक होंगे। जब तक किसी विधिविरुद्ध जमाव (unlawful assembly) के आवश्यक भाग (Ingredients), जैसा की आईपीसी की धारा 141 में बताए गए हैं, उनकी किसी मामले में मौजूदगी रहती है और यह सिद्ध हो जाते हैं, तब तक यह अपने आप में पर्याप्त होगा। एक विधिविरुद्ध जमाव (unlawful assembly) के कृत्य और उसके लिए मिलने वाली सजा, आईपीसी की धारा 141 के बाद के प्रावधानों में निर्धारित की गई हैं और जब तक उन भागों (ingredients) को पूरा किया जाता है, तब तक आईपीसी की धारा 149 को लागू किया जा सकता है।"



    Tags
    Next Story