लोकेशन और थिएटर की सुविधाओं की परवाह किए बिना सिनेमा टिकटों की एक समान कीमत तय करने का आदेश अनुचित: सुप्रीम कोर्ट

Brij Nandan

4 Jan 2023 5:02 AM GMT

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    चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने सिनेमा टिकटों की एक समान कीमत तय करने के आदेश को अस्वीकार किया।

    पीठ ने कहा कि थिएटर में प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और लोकेशन की परवाह किए बिना हर थिएटर में टिकट की कीमत एक समान तय करना अनुचित होगा।

    यह मुद्दा जम्मू- कश्मीर हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर एक अपील में उठा। इसमें हाईकोर्ट ने निर्देश दिया गया था कि लाइसेंसिंग प्राधिकरण/राज्य के प्रत्येक जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू और कश्मीर सिनेमा (विनियमन) नियम, 1975 के नियम 87 (i) और (ii) के संदर्भ में राज्य के सभी सिनेमाघरों में टिकटों की कीमत एक समान रखी जाए।

    हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर राज्य के मल्टीप्लेक्स / सिनेमा हॉल के मालिकों को भी निर्देश दिया था कि वे दर्शकों को थिएटर में बाहर से अपना खाना और पानी ले जाने से मना न करें।

    सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फैसले को पलट दिया और कहा कि एक सिनेमा हॉल मालिक सिनेमा देखने वालों को सिनेमा हॉल के अंदर अपना खाना और पेय पदार्थ ले जाने से रोक सकता है।

    अपीलकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के निर्देशों पर प्रकाश डाला, जिसमें टिकटों की कीमत एक समान करने का निर्देश दिया गया था।

    हाईकोर्ट का निर्देश यह था,

    "जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ-साथ लाइसेंसिंग प्राधिकरण/राज्य के प्रत्येक जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया जाता है कि जम्मू और कश्मीर सिनेमा (विनियमन) नियम, 1975 के नियम 87 (i) और (ii) के संदर्भ में राज्य के सभी सिनेमाघरों में टिकटों की कीमत एक समान की जाए।“

    जम्मू और कश्मीर सिनेमा (विनियमन) नियम, 1975 के नियम 87 में कहा गया है,

    "लाइसेंसिंग अथॉरिटी यह सुनिश्चित करेगी कि इन नियमों के तहत लाइसेंस धारक राज्य के सभी सिनेमाघरों में टिकटों की कीमत एक समान हो।"

    सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा,

    "दो अलग-अलग सिनेमाघरों में टिकटों की कीमत अलग-अलग हो सकती हैं। सिनेमा हॉल के भीतर बालकनी निश्चित रूप से अधिक शुल्क ले सकती है। मान लीजिए कि एक गैर-एसी सिनेमा है, तो कीमत में अंतर होगा। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। मान लीजिए दिल्ली, क्या आप कह सकते हैं कि थिएटर के स्थान के बावजूद हर थिएटर में एक ही कीमत वसूल की जानी चाहिए? क्या आप कह सकते हैं कि एक मल्टीप्लेक्स एक सिनेमा हॉल के समान कीमत वसूल करेगा जो सिर्फ बुनियादी सेवाएं प्रदान करता है? हम क्या करेंगे, हम कहेंगे कि नियम 87 को कोई चुनौती नहीं है। इसलिए नियम 87 वर्तमान स्थिति में कानून के अनुसार लागू किया जाएगा।"

    कोर्ट ने कहा कि चूंकि नियम 87 की वैधता हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती में नहीं थी, इसलिए नियम की व्याख्या की जानी चाहिए और इसे लागू किया जाना चाहिए।

    बेंच ने आगे कहा,

    "हाईकोर्ट के उपरोक्त निर्देश को नियम के ऊपर लागू करने के रूप में नहीं माना जाएगा।"

    केस टाइटल: के.सी. सिनेमा बनाम जम्मू और कश्मीर राज्य और अन्य और संबंधित मामले | एसएलपी (सी) संख्या 20784/2018


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