उमेश पाल मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद की सुरक्षा की याचिका पर सुनवाई से इनकार किया
Sharafat
28 March 2023 1:24 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद को राहत देने से इनकार कर दिया, जिसने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में यह आशंका जताई थी कि उसे उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जाएगा। पूर्व लोकसभा सदस्य 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक की हत्या के प्रमुख गवाह उमेश पाल की सनसनीखेज हत्या का मुख्य आरोपी है।
जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी। अहमद को सोमवार शाम भारी सुरक्षा के बीच गुजरात के साबरमती केंद्रीय कारागार से प्रयागराज के नैनी केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया।
अहमद के वकील ने समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता के उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित होने पर उनके जीवन के लिए एक कथित आसन्न खतरे पर गंभीर चिंता व्यक्त की और शीर्ष अदालत से सुरक्षा के कुछ उपाय प्रदान करने का आग्रह किया।
वकील ने कहा, "अगर यह अदालत याचिकाकर्ता की सुरक्षा से इनकार करती है तो इसका मतलब उसके लिए मौत का वारंट होगा।"
हालांकि बेंच ने प्रभावित होने से इनकार कर दिया।
जस्टिस रस्तोगी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह हाईकोर्ट के विचार करने का मामला है। पीठ ने मौखिक रूप से कहा, "राज्य मशीनरी आपकी देखभाल करेगी।"
याचिकाकर्ता ने तब हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने का विकल्प चुना।
वर्ष 2007 में उमेश पाल के अपहरण के मामले में आरोपी को मंगलवार दोपहर प्रयागराज की अदालत में पेश किया गया। पाल, एक वकील और जनवरी 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह की 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज में उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
केस टाइटल
अतीक अहमद बनाम भारत संघ व अन्य। | 2023 की रिट याचिका (आपराधिक) नंबर 107