दिल्ली दंगों की साज़िश मामले में जमानत से इनकार के खिलाफ उमर खालिद पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
Amir Ahmad
10 Sept 2025 4:14 PM IST

जेएनयू के पूर्व शोधार्थी और सोशल एक्टिविस्ट उमर खालिद ने दिल्ली दंगों की बड़ी साज़िश से जुड़े मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया।
खालिद पिछले पांच वर्षों से UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत दर्ज इस केस में न्यायिक हिरासत में हैं।
खालिद ने दिल्ली हाईकोर्ट के 2 सितंबर को दिए गए उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की खंडपीठ ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इसी आदेश में अन्य आरोपियों शरजील इमाम, अथर खान, खालिद सैफ़ी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, मीरान हैदर, गुलफिशा फ़ातिमा और शादाब अहमद की जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दी थीं।
ग़ौरतलब है कि शरजील इमाम और गुलफिशा फ़ातिमा पहले ही हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया इमाम और उमर खालिद की भूमिका गंभी है, क्योंकि उन्होंने कथित रूप से साम्प्रदायिक आधार पर भड़काऊ भाषण दिए जिनका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को बड़े पैमाने पर लामबंद करना था।
अदालत ने यह भी टिप्पणी की थी कि मुकदमा अपने स्वाभाविक क्रम में आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि जल्दबाज़ी में चलाया गया ट्रायल, न तो राज्य और न ही अभियुक्तों के लिए उचित होगा।
यह मामला FIR संख्या 59/2020 से जुड़ा है, जिसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दर्ज किया था। इसमें IPC की विभिन्न धाराओं और UAPA की प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।
इस केस में आरोपियों में ताहिर हुसैन, खालिद सैफ़ी, इशरत जहां, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान, आसिफ़ इक़बाल तनहा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अथर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, देवांगना कलीता, फ़ैज़ान खान और नताशा नरवाल शामिल हैं।
जून, 2020 में सफूरा जरगर को गर्भावस्था के चलते मानवीय आधार पर जमानत दी गई थी। वहीं, जून 2021 में हाईकोर्ट ने मेरिट पर सुनवाई के बाद तीन अन्य आरोपियों आसिफ़ इक़बाल तनहा, देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को जमानत दे दी थी।
अब सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि उमर खालिद को जमानत पर रिहाई का लाभ मिल सकता है या नहीं।
टाइटल: Umar Khalid v. State of NCT of Delhi | Diary No. 51747/2025

