मध्यस्थता: धारा 29ए के तहत बढ़ायी गयी समय सीमा 2019 के संशोधन की तारीख को लंबित मुकदमे पर लागू होगी : दिल्ली हाईकोर्ट
LiveLaw News Network
5 Feb 2020 10:04 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि मध्यस्थल एवं सुलह अधिनियम 1996 की धारा 29(ए)(1) में 2019 के जरिये किये गये संशोधन के तहत मध्यस्थता प्रक्रिया पूरी करने के लिए बढ़ायी गयी समय सीमा संशोधन के दिन लंबित मध्यस्थता पर भी लागू होती है।
न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने कहा :
"इस कोर्ट का मानना है कि प्रक्रियागत कानून होने के नाते मध्यस्थता और सुलह कानून की संशोधित धाराएं 23(4) और 29(ए)(1) संशोधान की तारीख को लंबित मध्यस्थता प्रक्रियाओं पर भी लागू होंगी।"
मध्यस्थता एवं सुलह कानून, 1996 की असंशोधित धारा 29(ए)(1) के तहत मध्यस्थता संबंधी पंचाट (आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल) द्वारा मध्यस्थता को लेकर किये गये उल्लेख के दिन से 12 माह के भीतर मध्यस्थता प्रक्रिया पूरी करनी होती थी।
धारा 29(ए)(1) में संशोधन नौ अगस्त 2019 से प्रभावी हुआ था, जिसके तहत मध्यस्थता की कार्यवाही के समापन की समय अवधि दलीलें पूरी होने की तारीख से 12 महीने तक बढ़ा दी गयी थी।
मध्यस्थता एवं सुलह कानून की धारा 23(4) के तहत छह माह के भीतर दलीलें पूरी करने का प्रावधान है। धारा 29(ए)(3) पार्टियों को छह महीने तक अवधि बढ़ाने का अधिकार प्रदान करती है।
केस का ब्योरा
केस का नाम : शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी लिमिटेड बनामम जिंदल इंडियन थर्मल पावर लिमिटेड
केस नं. – ओएमपी (मिसलेनियस) Comm 512/2019
बेंच : न्यायमूर्ति जे आर मिधा
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