TikTok पर मद्रास हाई कोर्ट के बैन के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, जल्द सुनवाई से इनकार
Live Law Hindi
9 April 2019 4:21 AM GMT
मद्रास उच्च न्यायालय के TikTok मोबाइल एप के डाउनलोड पर रोक लगाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
बाइटडांस (इंडिया) टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड जो इस मोबाइल एप्लिकेशन का मालिक है, ने मदुरै पीठ के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें सरकार को एप पर बैन लगाने को कहा गया था।
हालांकि CJI की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले का उल्लेख किया तो पीठ ने कहा कि ये याचिका नियत समय पर सुनवाई के लिए पीठ के सामने आएगी।
पिछले साल जुलाई में इंडोनेशिया ने "अश्लील साहित्य, अनुचित सामग्री और ईश निंदा" के आरोपों के चलते इस एप पर प्रतिबंध लगा दिया था। बांग्लादेश ने भी कमोबेश इन्ही कारणों से एप पर रोक लगा दी थी।
एस. मुथुकुमार द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की याचिका पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरन और न्यायमूर्ति एस. एस. सुंदर की खंडपीठ ने अधिकारियों से TikTok मोबाइल एप के डाउनलोड पर रोक लगाने का निर्देश दिया।
पीठ ने मीडिया को TikTok मोबाइल एप का उपयोग करके बनाए गए वीडियो के प्रसारण से भी रोक दिया।
पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार अगर चाहे तो वह बच्चों को साइबर/ऑनलाइन शिकार बनने से रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अधिनियमित बाल ऑनलाइन गोपनीयता संरक्षण अधिनियम जैसा कानून ला सकती है।
उच्च न्यायालय ने कहा, "खतरनाक पहलू यह है कि Tik Tok एप में भाषा और पोर्नोग्राफ़ी सहित अनुचित सामग्री पोस्ट की जा रही हैं। बच्चों के सीधे अजनबियों से संपर्क करने और उन्हें लुभाने की संभावना है। इस तरह के मोबाइल एप में शामिल खतरों को समझे बिना, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे बच्चे इन एप के साथ परीक्षण कर रहे हैं।"