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टाटा Vs सायरस मिस्त्री : टाटा संस ने NCLAT के फैसले को दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

LiveLaw News Network
2 Jan 2020 6:20 AM GMT
टाटा Vs सायरस मिस्त्री : टाटा संस ने NCLAT के फैसले को दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
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Tata sons in Supreme Court

टाटा संस ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है जिसमें सायरस मिस्त्री को टाटा संस के एक्जिक्यूटिव चेयरमैन के पद से हटाने को अवैध घोषित कर फिर से बहाल करने के आदेश जारी किए गए थे।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट से NCALT के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है। कहा जा रहा है कि सोमवार 6 जनवरी को इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग भी की जा सकती है।

NCLAT से मिस्त्री को मिली थी राहत

दरअसल 18 दिसंबर को सायरस मिस्त्री को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से बड़ी राहत मिली थी। NCLAT ने उन्हें टाटा संस का एक्जिक्यूटिव चेयरमैन के पद पर फिर से बहाल कर दिया। न्यायाधिकरण ने एन चंद्रा की नियुक्ति को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अवैध ठहराया था।

सायरस मिस्त्री के पक्ष में फैसला देते हुए NCLAT ने कहा था कि मिस्त्री फिर से टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए जाएं, उन्हें हटाना गलत था। हालांकि NCLAT ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए चार हफ्ते का समय देते हुए अपने फैसले पर रोक लगा दी थी।

दरअसल NCLT में केस हारने के बाद मिस्त्री अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे थे। NCLT ने 9 जुलाई 2018 के फैसले में कहा था कि टाटा सन्स का बोर्ड सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने के लिए सक्षम था। मिस्त्री को इसलिए हटाया गया क्योंकि कंपनी बोर्ड और बड़े शेयरधारकों को उन पर भरोसा नहीं रहा था। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जुलाई में फैसला सुरक्षित रखा था।

गौरतलब है कि अक्टूबर 2016 में सायरस मिस्त्री टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाए गए थे। दो महीने बाद मिस्त्री की ओर से सायरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प ने टाटा सन्स के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी। कंपनियों की दलील थी कि मिस्त्री को हटाने का फैसला कंपनीज एक्ट के नियमों के मुताबिक नहीं था। जुलाई 2018 में NCLT ने उनके दावे को खारिज कर दिया। बाद में सायरस मिस्त्री ने खुद NCLT के फैसले के खिलाफ अपील की थी।

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