सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत केस CBI को सौंपा, बिहार पुलिस की FIR को वैध ठहराया, महाराष्ट्र सरकार को सहयोग करने को कहा

LiveLaw News Network

19 Aug 2020 7:29 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत केस CBI को सौंपा, बिहार पुलिस की FIR को वैध ठहराया, महाराष्ट्र सरकार को सहयोग करने को कहा

    बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के बिहार सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बरकरार रखा।

    न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की एकल पीठ ने कहा कि बिहार पुलिस अभिनेता के पिता की शिकायत पर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के संबंध में एफआईआर दर्ज करने के लिए अधिकार क्षेत्र में थी, और इस मामले को सीबीआई को सौंपना भी वैध ठहराया।

    कोर्ट ने मामले की फाइलें सीबीआई को सौंपने और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए महराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया है।

    पीठ ने आदेश दिया कि

    " इस अदालत द्वारा सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है। महाराष्ट्र पुलिस को अनुपालन और सहायता करनी चाहिए।"

    न्यायालय ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के संबंध में सीबीआई को भविष्य में दर्ज किए गए अन्य मामलों की भी जांच करने का निर्देश दिया है।

    दरअसल बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता के आरोपों पर बिहार पुलिस द्वारा दर्ज FIR को पटना से मुंबई स्थानांतरित करने और बिहार पुलिस द्वारा जांच पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुशांत के पिता ने आरोप लगाया है कि उसने उनके अभिनेता बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाया था।

    34 साल के राजपूत को 14 जून को मुंबई में उपनगरीय बांद्रा में अपने अपार्टमेंट की छत से लटका पाया गया था और तब से मुंबई पुलिस विभिन्न कोणों को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही थी।

    शीर्ष अदालत में जाने के लिए रिया का ये कदम इस तथ्य को देखते हुए महत्वपूर्ण था कि बिहार पुलिस की चार सदस्यीय जांच टीम पहले से ही मुंबई में थी और अभिनेत्री से पूछताछ कर सकती है क्योंकि पटना में राजपूत के पिता केके सिंह द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में IPC के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने और अमानत में ख्यानत ( क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट ) जैसे गंभीर अपराधों के आरोप शामिल हैं।

    अपनी याचिका में, चक्रवर्ती ने बिहार पुलिस द्वारा राजपूत के पिता द्वारा दायर एफआईआर पर शीर्ष अदालत में अपनी याचिका के निपटान तक की जांच पर रोक लगाने की भी मांग की थी।

    यह कदम तब आया था जब राजपूत के पिता के के सिंह ने चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों सहित छह अन्य लोगों के खिलाफ पटना में राजीव नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें अभिनेता की आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था।

    यह मामला, जिसमें मुंबई पुलिस 34 वर्षीय अभिनेता के असामयिक निधन के कारणों को जानने के लिए महेश भट्ट, संजय लीला भंसाली, आदित्य चोपड़ा और अन्य जैसे

    बॉलीवुड के बड़े निर्माताओं और निर्देशकों से पूछताछ में व्यस्त है। लेकिन मामले में मोड़ तब आया जब राजपूत के पिता ने

    उसकी प्रेमिका रिया और छह अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। रिया चक्रवर्ती ने मुंबई पुलिस के साथ अपना बयान भी दर्ज कराया था।

    दरअसल सिंह ने 25 जुलाई को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), 341 ( गैरकानूनी तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से बंधक), 380 (आवास गृह में चोरी), 406 ( अमानत में ख्यानत ) और 420 (धोखाधड़ी व बेईमानी से संपत्ति को हड़पना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की आपराधिक विश्वासघात) मुकदमा दर्ज कराया था।

    कई राजनीतिक नेताओं और फिल्मी हस्तियों ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग की है।राजपूत की संदिग्ध मौत ने हिंदी फिल्म उद्योग में कथित भाई-भतीजावाद और पक्षपात पर बहस छेड़ दी है।कई शीर्ष प्रोडक्शन हाउस ने कथित रूप से पटना में जन्मे अभिनेता का बहिष्कार किया था, जिससे वह व्यथित हो गए और उन्हें अपना जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर किया।

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