कोल्हापुर मंदिर की हाथिनी 'महादेवी' को वंतारा ले जाने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
Amir Ahmad
11 Aug 2025 12:24 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में कोल्हापुर मंदिर की हाथी 'महादेवी' (जिसे 'माधुरी' भी कहा जाता है) को जामनगर स्थित वंतारा के राधे कृष्णा टेम्पल एलीफेंट वेलफेयर ट्रस्ट में स्थानांतरित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई।
चीफ जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस ए.एस. चंदूकर की बेंच ने इस मामले को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।
याचिकाकर्ता की ओर से तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा गया,
"माइलॉर्ड्स, एक अभयारण्य वंतारा है। उन्होंने मंदिर की हाथी को जबरन ले लिया है।"
महादेवी पिछले 30 वर्षों से कोल्हापुर के नंदनी गांव स्थित जैन समुदाय के श्रद्धेय स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी संस्था की देखभाल में थी। हाथी के स्थानांतरण के बाद हजारों लोग इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे।
जुलाई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जैन मंदिर ट्रस्ट की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें हाई पावर कमेटी (HPC) के उस आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें हाथी को जामनगर स्थित राधे कृष्णा एलीफेंट वेलफेयर ट्रस्ट (RKEWT) में भेजने की सिफारिश की गई।
जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने HPC की इस दलील से सहमति जताई थी कि हाथी के स्वास्थ्य को धार्मिक गतिविधियों से ऊपर रखा जाना चाहिए। खासकर जब रिकॉर्ड में उसके शारीरिक हालत खराब होने के संकेत मिले।
28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की खंडपीठ ने भी मंदिर ट्रस्ट की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था,
"हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन जल्द से जल्द किया जाए। हाथी की यात्रा में कोई चोट या कठिनाई न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए।"
हाथी को जामनगर भेजने के बाद हुए भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जैन मठ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगा और राज्य सरकार हाथी की वापसी का समर्थन करेगी।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया,
“आज मुंबई में वंतारा टीम से विस्तृत चर्चा हुई। अच्छी खबर है कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की सुप्रीम कोर्ट में याचिका में शामिल होकर 'माधुरी' को मठ में वापस लाने की प्रक्रिया में सहयोग का आश्वासन दिया। वंतारा ने कहा कि वे केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्य कर रहे हैं और हाथी की अभिरक्षा छीनने का उनका कोई इरादा नहीं था। उन्होंने नंदनी के पास कोल्हापुर में माधुरी के लिए पुनर्वास केंद्र बनाने की भी इच्छा जताई और समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने की बात कही।”

