सुप्रीम कोर्ट ने कपल को परेशान करने वाले सीआईएसएफ अधिकारी की बर्खास्तगी बरकरार रखी, कोर्ट ने कहा- पुलिस अधिकारियों को 'नैतिक पुलिसिंग' करने की आवश्यकता नहीं

Brij Nandan

20 Dec 2022 5:24 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में रात में कपल को परेशान करने वाले सीआईएसएफ अधिकारी की बर्खास्तगी को बरकरार रखा और कहा कि पुलिस अधिकारियों को 'नैतिक पुलिसिंग' करने की आवश्यकता नहीं है।

    सुप्रीम कोर्ट गुजरात हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की ओर से दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें संतोष कुमार पांडे नाम के एक सीआईएसएफ अधिकारी को बहाल करने का निर्देश दिया गया था, जिसे कदाचार के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

    2001 में, जब पांडे आईपीसीएल टाउनशिप, वडोदरा, गुजरात के ग्रीनबेल्ट क्षेत्र में रात की ड्यूटी पर एक कांस्टेबल के रूप में तैनात थे, तो उन्होंने लगभग 1 बजे अपने मंगेतर के साथ मोटरसाइकिल से जा रहे एक व्यक्ति (कपल) को देखा। पांडे ने गरबा प्रदर्शन देखने जा रहे जोड़े को रोका और पूछा कि क्या वो आपकी मंगेतर के साथ कुछ समय बिता सकते हैं। उन्होंने जोड़े को पास करने की अनुमति देने के बदले में कुछ मांगा और उनके सहयोगी को पांडे को अपनी घड़ी देनी पड़ी।

    एक शिकायत के बाद, पांडे के खिलाफ विभागीय जांच की गई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि, पांडे द्वारा की गई एक चुनौती में, गुजरात हाईकोर्ट ने सजा में हस्तक्षेप किया और 50% बैकवेज़ के साथ उनकी बहाली का निर्देश दिया। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ CISF ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने यह कहते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई कि यह नोटिस लेने और न्यायिक समीक्षा के कानून को ठीक से लागू करने में विफल रहा है।

    सजा की आनुपातिकता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्य चौंकाने वाले और परेशान करने वाले हैं।

    कोर्ट ने कहा,

    "वर्तमान मामले में तथ्य चौंकाने वाले और परेशान करने वाले हैं। प्रतिवादी नंबर 1 - संतोष कुमार पांडे एक पुलिस अधिकारी नहीं है, और पुलिस अधिकारियों को नैतिक पुलिसिंग करने की आवश्यकता नहीं है।"

    हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया गया और बर्खास्तगी की सजा बरकरार रखी गई।



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