EWS कोटा : 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता तय करने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला सोमवार को सुनाए जाने की संभावना

Sharafat

5 Nov 2022 2:04 PM GMT

  • EWS कोटा : 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता तय करने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला सोमवार को सुनाए जाने की संभावना

    शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% आरक्षण की शुरुआत करने वाले 103 वें संवैधानिक संशोधन की वैधता का निर्धारण करने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगले सप्ताह (7 नवंबर सोमवार) आने की संभावना है।

    भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की 5 जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई सात दिनों तक की।

    काजलिस्ट के अनुसार ईडब्ल्यूएस कोटा मामले में सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस एस रवींद्र भट के दो निर्णय हैं।

    उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित 8 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

    याचिकाओं ने संविधान (103वां) संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को चुनौती दी थी। जनवरी 2019 में संसद द्वारा पारित संशोधन के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में खंड (6) को सम्मिलित करके नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया था।

    नव सम्मिलित अनुच्छेद 15(6) ने राज्य को शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण सहित नागरिकों के किसी भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान करने में सक्षम बनाया। इसमें कहा गया है कि इस तरह का आरक्षण अनुच्छेद 30 (1) के तहत आने वाले अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को छोड़कर निजी संस्थानों सहित किसी भी शैक्षणिक संस्थान में किया जा सकता है, चाहे वह सहायता प्राप्त हो या गैर-सहायता प्राप्त। इसमें आगे कहा गया है कि आरक्षण की ऊपरी सीमा दस प्रतिशत होगी, जो मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगी।

    तत्कालीन सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यह 5 अगस्त, 2020 को मामलों को संविधान पीठ को भेज दिया था।

    केस टाइटल : जनहित अभियान बनाम भारत संघ 32 जुड़े मामलों के साथ | WP(C)NO.55/2019 और जुड़े मुद्दे

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