अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, पंजाब सरकार को तब तक गिरफ्तार ना करने को कहा
LiveLaw News Network
27 Jan 2022 9:30 AM GMT
![अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, पंजाब सरकार को तब तक गिरफ्तार ना करने को कहा अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, पंजाब सरकार को तब तक गिरफ्तार ना करने को कहा](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2022/01/27/750x450_408388-bikram-singh-majithia.webp)
सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को ड्रग्स मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर 31 जनवरी (सोमवार) पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। कोर्ट ने पंजाब राज्य से सोमवार तक उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को भी कहा है।
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मजीठिया की याचिका का उल्लेख किया और तत्काल सूचीबद्ध की मांग की।
रोहतगी ने कहा,
"यह राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्हें पुलिस स्टेशन बुलाया गया है। यह सब चुनावी बुखार के कारण है।"
सीजेआई रमना ने हल्के लहजे में टिप्पणी की,
"क्या यह चुनावी बुखार है या चुनावी वायरस है? सभी अदालत में भाग रहे हैं।"
रोहतगी ने प्रस्तुत किया कि हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत की मांग वाली उनकी याचिका को खारिज करने के बाद तीन दिन की सुरक्षा प्रदान की है। हालांकि पुलिस को पता है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन वे उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि वह पंजाब राज्य की ओर से पेश हो रहे हैं।
सीजेआई ने उनसे पूछा,
"क्या यह उचित है मिस्टर चिदंबरम, जब आप जानते हैं कि उनकी याचिका सूचीबद्ध होने जा रही है?"
चिदंबरम ने बताया कि हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
उन्होंने कहा,
"उसके बाद, वह छिप गया है और अब वह वकील के माध्यम से पेश हो रहा है।"
सीजेआई ने चिदंबरम से कहा,
"अपनी सरकार से कुछ भी न करने के लिए कहें। हम सोमवार को सूचीबद्ध करेंगे।"
मजीठिया ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की एकल पीठ के 24 जनवरी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एक एनडीपीएस मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।