सुप्रीम कोर्ट ने टीएमसी के अभिषेक बनर्जी से सीबीआई और ईडी को पूछताछ करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

Sharafat

17 April 2023 10:15 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने टीएमसी के अभिषेक बनर्जी से सीबीआई और ईडी को पूछताछ करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा दिए गए उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से सीबीआई और ईडी को प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूछताछ करने का निर्देश दिया गया था।।

    सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सीनियर एडवोकेट एएम सिंघवी द्वारा उल्लेख किए जाने के बाद मामले को स्वीकार कर लिया गया।

    बेंच ने डॉ. सिंघवी (जो बनर्जी की ओर से पेश हुए) की दलील को ध्यान में रखा जिसमें कहा गया कि एकल न्यायाधीश द्वारा जारी किए गए निर्देश याचिकाओं में मांगी गई राहत से पूरी तरह से बाहर थे और याचिकाकर्ता कार्यवाही में एक पक्षकार भी नहीं है।

    बेंच ने कहा-

    " 24 अप्रैल 2023 को लिस्ट करें। सूचीबद्ध होने की अगली तारीख तक एकल न्यायाधीश के विवादित आदेश में निहित निर्देशों के अनुसरण में याचिकाकर्ता के खिलाफ सभी कार्रवाई पर रोक रहेगी। "

    स्कूल भर्तियों में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित मामले में आक्षेपित आदेश जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा पारित किया गया था। आदेश के माध्यम से जस्टिस गंगोपाध्याय ने हिरासत में निलंबित तृणमूल नेता कुंतल घोष और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से सीबीआई और ईडी द्वारा पूछताछ करने का निर्देश दिया था।

    न्यायाधीश ने बनर्जी द्वारा दिए गए एक सार्वजनिक भाषण पर ध्यान देने के बाद आदेश पारित किया कि मामले के अभियुक्तों पर केंद्रीय एजेंसी द्वारा मामले में उनका नाम लेने के लिए दबाव डाला जा रहा था।

    हाईकोर्ट ने कहा था, "यह पूछताछ और जांच का विषय है कि क्या कुंतल घोष ने कथित अभिषेक बनर्जी के सार्वजनिक भाषण से संकेत लिया, जिसके लिए दोनों से ईडी और सीबीआई पूछताछ कर सकती है और इस तरह की पूछताछ जल्द की जानी चाहिए।"

    डॉ सिंघवी ने तर्क दिया कि कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष जो रिट दायर की गई थी, उसका बनर्जी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने जस्टिस गंगोपाध्याय द्वारा एबीपी न्यूज़ को दिए गए एक साक्षात्कार का भी उल्लेख किया जिसमें बनर्जी के खिलाफ उनके द्वारा कथित रूप से कुछ बयान दिए गए थे। इसलिए पूर्वाग्रह की आशंका का एक आधार है।

    सिंघवी ने यह भी तर्क दिया कि विवादित आदेश का यह निर्देश जिसमें कहा गया है कि कोई भी पुलिस स्टेशन हाईकोर्ट की अनुमति के बिना सीबीआई और ईडी के किसी भी अधिकारी के संबंध में की गई किसी भी शिकायत के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करेगा, जो पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग के शैक्षिक भर्ती घोटाले और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की जांच कर रहे हैं, स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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