सुप्रीम कोर्ट ने पोक्सो दोषी को दी गई मौत की सजा पर रोक लगाई

LiveLaw News Network

5 March 2022 5:49 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने पोक्सो दोषी को दी गई मौत की सजा पर रोक लगाई

    सुप्रीम कोर्ट ने 11 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी की फांसी की सजा पर रोक लगा दी।

    जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि हमें लगता है कि न्याय का हित यह तय करता है कि हम अपीलकर्ता का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन प्राप्त करें।

    पीठ ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली जय प्रकाश द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा उसे दी गई मौत की सजा की पुष्टि की थी।

    जय प्रकाश पर अपने सहकर्मी की नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है। ट्रायल कोर्ट ने उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 201, 376, 377 और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया।

    हाईकोर्ट ने जनवरी, 2020 में उसकी अपील को खारिज करते हुए देखा था,

    "अपीलकर्ता द्वारा किया गया कार्य इतना क्रूर है कि यह न केवल न्यायिक जागरूक बल्कि समाज के प्रति जागरूक को भी झकझोरता है, यह मामला निश्चित रूप से "दुर्लभ मामलों में से दुर्लभ" की श्रेणी में आता है। इसमें मौत के अलावा कोई सजा नहीं है।

    हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि "मामले में किसी भी तरह के संदेह" पर विचार नहीं किया जा सकता। सभी तथ्य संदेह से परे हैं औऱ अत्यंत निश्चितता के साथ आरोप साबित होते हैं।

    इस फैसले के खिलाफ आरोपी द्वारा दायर एसएलपी में छुट्टी देते हुए सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य को निर्देश दिया कि वह निम्नलिखित तथ्यों को सामने रखे: (1) आरोपी / अपीलकर्ता से संबंधित सभी परिवीक्षा अधिकारी (ओं) की रिपोर्ट पेश करें। (2) जेल में रहते हुए अपीलार्थी द्वारा किए गए कार्य की प्रकृति के बारे में जेल प्रशासन की रिपोर्ट देखे।

    आगे विचार किए जाने तक अपीलकर्ता को दी गई मौत की सजा के प्रभाव और संचालन पर रोक रहेगी। पीठ ने आदेश दिया कि इस संबंध में संबंधित जेल को सूचना भेजी जाए।

    अदालत ने निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश, उत्तराखंड को इस मामले में आरोपी / अपीलकर्ता के मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन के लिए एक उपयुक्त टीम का गठन करने और 25.04.2022 को या उससे पहले एक रिपोर्ट भेजने का भी निर्देश दिया। जेल अधिकारियों को इस संबंध में पहुंच को सुविधाजनक बनाने में सहयोग करने का निर्देश दिया गया था।

    मामले की अगली सुनवाई 4 मई, 2022 को होगी।

    केस: जय प्रकाश बनाम उत्तराखंड राज्य | एसएलपी (सीआरएल) 1707-1708/2022

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