प्रमोशन देने में सेना महिला अधिकारियों के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रही है : सुप्रीम कोर्ट
Sharafat
11 Dec 2022 1:37 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने महिला सेना अधिकारियों के लिए रैंक प्रमोशन की मांग वाली एक याचिका में दायर एक आवेदन में शुक्रवार को सेना के अधिकारियों (रक्षा मंत्रालय) को आगाह किया कि वह महिला सेना अधिकारियों की प्रमोशन सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी आदेश पारित करेगा। कोर्ट ने चिंता व्यक्त की कि अधिकारी, महिला अधिकारियों के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रहे हैं।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने इस मामले में उपस्थित एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन को संदेश दिया कि सेना के अधिकारियों को अपने घर को व्यवस्थित करना चाहिए और उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में खंडपीठ को अवगत कराना चाहिए। महिला सेना अधिकारियों की प्रमोशन सुनिश्चित करें।
बेंच ने कहा,
"हमें लगता है कि आप इन अधिकारियों के प्रति निष्पक्ष नहीं रहे हैं। हम तत्काल आदेश पारित करने जा रहे हैं, आप अपना घर व्यवस्थित करें और हमें बताएं कि आप क्या कर रहे हैं।"
बेंच को शुरुआत में एएसजी ने बताया था कि प्रमोशन के लिए 150 सीटें मंजूर की गई हैं। महिला अधिकारियों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सुश्री वी. मोहना ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि सचिव, रक्षा मंत्रालय बनाम बबीता पुनिया के आदेश के बाद याचिकाकर्ताओं से 1200 अधिकारियों (पुरुष) जूनियर को प्रमोट किया गया है। उन्होंने प्रस्तुत किया कि महिला सेना अधिकारियों द्वारा पढ़ाए और प्रशिक्षित किए गए छात्रों (पुरुष अधिकारियों) को प्रमोट किया गया है और वे कमांड नंबर 1 हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में मेल ऑफिसर को सिलेक्शन बोर्ड एसबी3 में प्रमोट किया गया, लेकिन इसमें महिला अधिकारी नहीं थीं।
सीजेआई ने एएसजी से पूछा, " आपने अक्टूबर में उन (महिला अधिकारियों) पर विचार क्यों नहीं किया?"
इसके बाद याचिकाकर्ता के सीनियर एडवोकेट के अनुरोध पर सीजेआई ने मौखिक रूप से एएसजी से अक्टूबर में विचार किये गये था उन पुरुष अधिकारियों के परिणामों की घोषणा तब तक नहीं करने के लिए कहा, जब तक कि महिला अधिकारियों को प्रमोशन के लिए मंजूरी नहीं मिल जाती।
सीजेआई ने मौखिक रूप से कहा -
"आपको दो काम करने होंगे मिस्टर जैन,
1. अक्टूबर में पुरुष अधिकारियों के लिए आयोजित एसबी3 के अनुसरण में कोई पुरुष अधिकारी तब तक तैनात नहीं किए जाएंगे जब तक कि उनका (महिला अधिकारी) एसबी3 पूरा नहीं हो जाता।
2. प्रमोशन के लिए पुरुष अधिकारियों के लिए एसबी2 तब तक आयोजित नहीं किया जाएगा जब तक कि उन (महिला अधिकारियों) पर विचार नहीं किया जाता।"
अंत में एएसजी ने बेंच को आश्वासन दिया कि मंत्रालय महिला अधिकारियों के लिए प्रतिबद्ध है और उनका प्रमोशन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
[केस टाइटल: निशा बनाम भारत संघ एमए 1913/2022 WP(C) नंबर 1109/2020 ]