सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरला स्टोरी' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया, हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी

Brij Nandan

3 May 2023 6:52 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने द केरला स्टोरी की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया, हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी

    सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'द केरला स्टोरी' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा- याचिकाकर्ता केरल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। इसी तरह की एक याचिका केरल हाईकोर्ट में लंबित है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने याचिकाकर्ताओं को फिल्म की रिलीज से पहले हाईकोर्ट में सुनवाई की मांग करने की स्वतंत्रता दी। बता दें, फिल्म 5 मई यानी शुक्रवार को रिलीज हो रही है।

    CJI डी वाई चंद्रचूड़ के सामने एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने कल ही याचिका के तत्काल लिस्टिंग की मांग की थी। फिल्म की रिलीज को चुनौती देने वाली जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से एडवोकेट निजाम पाशा ने याचिका पेंशन की।

    ग्रोवर की याचिका में फिल्म के डिस्क्लेमर में बदलाव की मांग की गई है। याचिका में ये भी कहा गया है कि ये फिल्म पूरी तरह से काल्पनिक है। पाशा की याचिका में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई है।

    सीजेआई ने देखा कि केरल हाईकोर्ट इसी तरह की एक याचिका पर विचार कर रहा, इसलिए इन याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी।

    ग्रोवर ने कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट ने मामले को 5 मई को सुनवाई के लिए पोस्ट किया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट से 5 मई से पहले सुनवाई की मांग करने की स्वतंत्रता दी। फिल्म निर्माताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने याचिकाओं का विरोध किया।

    ग्रोवर ने फिल्म पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि फिल्म के शुरुआती शॉट में कहा गया है कि ये फिल्म सच है। इसे एक सच्ची कहानी के रूप में बताया गया है। ये फिल्म पूरे समुदाय को बदनाम करती है।

    निजाम पाशा ने स्पष्ट किया कि उनकी याचिका न केवल डिस्क्लेमर में बदलाव की मांग कर रही है बल्कि पूरी फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर रही है।

    ‘द केरला स्टोरी फिल्म’ को सुदीप्तो सेन ने डिरेक्ट किया है और विपुल अमृतलाल शाह ने इसे प्रोड्यूस किया है। ट्रेलर आने के बाद से ही ये फिल्म विवादों में रहा है। ट्रेलर में दिखाया गया है कि केरल की लगभग 32,000 महिलाओं को धोखे से इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराया गया और बाद में ISIS में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई (एम) और विपक्षी कांग्रेस ने फिल्म को सांप्रदायिक घृणा पैदा करने वाला बताया है।



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