सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता के आरोपी से शादी करने पर अनुच्छेद 142 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए बलात्कार का मामला खारिज किया

LiveLaw News Network

29 March 2022 2:25 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले को रद्द कर दिया, क्योंकि उसने कहा कि शिकायतकर्ता/कथित पीड़िता ने अपीलकर्ता/अभियुक्त से शादी कर ली।

    तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर उनके आवेदन को खारिज करने के आदेश के खिलाफ अपीलकर्ता/अभियुक्त द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी की पीठ ने कहा:

    "उपरोक्त तथ्यों और यह ध्यान में रखते हुए कि प्रतिवादी नंबर दो/शिकायतकर्ता ने स्वयं हमारे सामने एक बयान दिया है कि उसने अपीलकर्ता से शादी कर ली है और अब खुशी से रह रही है, हम भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मामले में पूर्ण न्याय के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। हम भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 417, 420 और 376 के तहत अपीलकर्ता के खिलाफ प्रतिवादी नंबर दो द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करते हैं।"

    अपीलकर्ता/अभियुक्त के खिलाफ प्रतिवादी नंबर दो/शिकायतकर्ता द्वारा आईपीसी की धारा 417, 420, और 376 के तहत अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज की गई। उनका मामला है कि वे दोनों एक-दूसरे से भारत मैट्रिमोनी के जरिए मिले और उसके बाद वे एक-दूसरे के संपर्क में रहे।

    इसके अलावा, उसने आरोप लगाया कि शादी के वादे पर अपीलकर्ता/आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसके बाद जब उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया तो उसने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। हालांकि, बाद में दोनों ने शादी कर ली, इसलिए वे एफआईआर को रद्द करने के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट चले गए।

    तेलंगाना हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट चले आए।

    न्यायालय के समक्ष प्रतिवादी नंबर दो/शिकायतकर्ता ने एक बयान दिया कि वह अब अपीलकर्ता से शादी कर चुकी है और एक सुखी वैवाहिक जीवन जी रही है। इस प्रकार, उसने कहा कि वह अपीलकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को जारी रखने की इच्छा नहीं रखती है। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपील को मंजूर करते हुए एफआईआर रद्द कर दी।

    अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रतीक तिवारी, दीपक गुप्ता, गोविंद गोयल और एओआर तुंगेश उपस्थित हुए। प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ता बीना माधवन, एस. उदय कुमार सागर, एओआर स्वीना नायर और अधिवक्ता पी. मोहित राव उपस्थित हुए।

    केस का शीर्षक - जतिन अग्रवाल बनाम तेलंगाना राज्य और अन्य।

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