सुप्रीम कोर्ट ने हटवाए कोर्टरूम के सामने लगे ग्लास पैनल, कहा- मूल भव्यता बहाल करना उद्देश्य

Amir Ahmad

21 Jun 2025 3:51 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने हटवाए कोर्टरूम के सामने लगे ग्लास पैनल, कहा- मूल भव्यता बहाल करना उद्देश्य

    सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने हाल ही में कोर्टरूम नंबर 1 से 5 के सामने लगे ग्लास ग्लेज़िंग पैनलों को हटाने का निर्णय लिया।

    कोर्ट की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया कि यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) से प्राप्त प्रतिनिधित्व पर विचार के बाद लिया गया।

    प्रेस रिलीज के अनुसार कांच के पैनलों को हटाने का उद्देश्य मूल भव्यता, दृश्यता, सौंदर्यशास्त्र और कोर्टरूम की पहुंच को पुनर्स्थापित करना है।

    गौरतलब है कि इन पैनलों को पिछले वर्ष तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी. वाई. चंद्रचूड़ के कार्यकाल के दौरान केंद्रीकृत वातानुकूलन की सुविधा के लिए कोर्टरूम के बाहर स्थापित किया गया था।

    हालांकि वकीलों और वादकारियों की ओर से इन पैनलों पर आपत्ति जताई गई थी जिसमें कहा गया था कि इनसे गलियारों की जगह कम हो गई है जिससे भीड़भाड़ और असुविधा हो रही है।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में पदभार संभालने के बाद सीजेआई बी. आर. गवई ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि कोर्ट को उसकी मूल अवस्था में लौटाया जाएगा।

    उन्होंने वादा किया था कि जब अधिवक्ता गर्मी की छुट्टियों के बाद लौटेंगे तो सुप्रीम कोर्ट उन्हें अपने पुराने स्वरूप में दिखाई देगा।

    गत सप्ताह सुप्रीम कोर्ट परिसर में इन कांच के पैनलों को हटाने का कार्य पूरा कर लिया गया।

    कोर्ट ने अपने आधिकारिक वक्तव्य में कहा,

    “सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट ने कोर्टरूम नंबर 1 से 5 के सामने लगाए गए कांच के ग्लेज़िंग को लेकर SCBA और SCAORA से प्राप्त प्रतिनिधित्व पर विचार किया। मूल भव्यता, दृश्यता, सौंदर्यशास्त्र और कोर्टरूम की पहुंच से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने के बाद फुल कोर्ट ने इन पैनलों को हटाने का निर्णय लिया।"

    इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने प्रतीक चिह्न (लोगो) का पुनः उपयोग शुरू कर दिया है, जिसे पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ के कार्यकाल में बदला गया था। नया लोगो अब हटा दिया गया।

    इस कदम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनी परंपरा, गरिमा और अधिवक्ताओं की सुविधाओं को प्राथमिकता देने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

    Next Story