सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति की 10 करोड़ रुपये वापस करने का अनुरोध ठुकराया, फिलहाल तीन महीने जमा रहेगी रकम

LiveLaw News Network

6 Sep 2019 3:37 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति की 10 करोड़ रुपये वापस करने का अनुरोध ठुकराया, फिलहाल तीन महीने जमा रहेगी रकम

    पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और सासंद कार्ति चिदंबरम की उस अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया जिसमें विदेश यात्रा के लिए शर्त के तौर पर रजिस्ट्री में उनके द्वारा जमा किए गए 10 करोड़ रुपये को वापस दिलाने का अनुरोध किया गया था। शुक्रवार को जस्टिस दीपक गुप्ता ने सुनवाई के दौरान कार्ति की ओर से पेश वकील को कहा कि ये रकम फिलहाल तीन महीने तक रजिस्ट्री के पास रहेगी।

    इससे पहले मई में भी कार्ति की ओर से पेश हुए वकील ने कहा था कि उन्हें 10 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और अब वह ब्याज देने के लिए बाध्य हैं। ऐसी स्थिति में पहले जमा की गई राशि वापस की जानी चाहिए।

    लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच ने इससे इनकार कर दिया था। चीफ जस्टिस ने कहा था कि अब उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र की ओर ध्यान देना चाहिए। पीठ ने ये भी कहा कि जनवरी में जमा दस करोड़ रुपये वो रिफंड करने के वो आदेश देंगे लेकिन फिर विदेश जाने के लिए 10 करोड़ की सिक्योरिटी की राशि को वो बढ़ाकर 20 करोड़ कर देंगे।

    दरअसल पीठ ने 7 मई को कार्ति को मई और जून में विदेश यात्रा की अनुमति दी थी लेकिन शर्त लगाई थी कि 10 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि जमा करने के बाद ही वो विदेश जा सकते हैं। जनवरी में पारित शीर्ष अदालत के आदेश में कहा गया था कि उसकी वापसी पर 10 करोड़ रुपये वापस किए जाएंगे लेकिन ये रकम वापस नहीं मिली।

    गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने 7 मई को कहा था कि कार्ति को 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जमा करनी होगी। यहां तक ​​कि उनकी ओर से पेश वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन ने कहा था कि उनके द्वारा पहले जमा की गई रकम अभी भी सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के पास है।

    लेकिन पीठ ने कहा था, "हमें नहीं लगता कि, आपको फिर से 10 करोड़ रुपये जमा करने में कोई समस्या होगी।" अदालत ने कार्ति को मई में यूके और यूएसए और जून में जर्मनी और स्पेन का दौरा करने की अनुमति दी थी।

    कार्ति ने दावा किया है कि वह "पूर्व खिलाड़ी, वर्तमान प्रशासक और उद्यमी" के रूप में टेनिस से जुड़े हैं। वो प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा INX मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों की जांच का सामना कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने जनवरी में भी 10 करोड़ रुपये जमा करने के बाद कार्ति को विदेश जाने की अनुमति दी थी।

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