आप साइनबोर्ड में मराठी भाषा के इस्तेमाल का विरोध क्यों करते हैं? बोर्ड देखकर आपके पास और अधिक लोग आएंगे: सुप्रीम कोर्ट ने खुदरा विक्रेताओं से कहा

Shahadat

9 Dec 2022 2:37 PM IST

  • आप साइनबोर्ड में मराठी भाषा के इस्तेमाल का विरोध क्यों करते हैं? बोर्ड देखकर आपके पास और अधिक लोग आएंगे: सुप्रीम कोर्ट ने खुदरा विक्रेताओं से कहा

    सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस बी वी नागरथना की खंडपीठ ने शुक्रवार को फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन बनाम महाराष्ट्र राज्य में दायर एसएलपी पर सुनवाई स्थगित कर दी।

    बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देते हुए यह विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के नियम 35 की वैधता को बरकरार रखा है। इसके अनुसार, साइनबोर्ड को शीर्ष पर देवनागरी लिपि में मराठी भाषा में और अन्य भाषा समान फ़ॉन्ट साइज़ में लिखना अनिवार्य है। संशोधन के माध्यम से उक्त नियम 35 को अब अधिनियम की धारा 36-ए के रूप में मुख्य अधिनियम में शामिल किया गया है, जो इसे 10 से कम कर्मचारियों वाली दुकानों और प्रतिष्ठानों पर लागू होता है।

    याचिकाओं ने संयुक्त रूप से इस तरह के प्रावधान की संवैधानिकता को चुनौती दी और सवाल उठाया कि क्या राज्य व्यापार और व्यवसाय के मामलों में अपनी आधिकारिक भाषा लागू कर सकता है। पिछली सुनवाई के दौरान, अदालत ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने का आदेश पारित किया था।

    जब मामला शुक्रवार को सुनवाई के लिए आया तो जस्टिस जोसेफ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील को बताया कि प्रतिवादियों द्वारा स्थगन का अनुरोध करते हुए पत्र लिखा है।

    इस पर याचिकाकर्ताओं के वकील ने जवाब दिया,

    "मैं स्थगन पत्र का विरोध करता हूं। उन्होंने अब तक कई बार स्थगन मांगा है। यह तीसरी बार है।"

    जस्टिस जोसेफ ने हालांकि याचिकाकर्ताओं के पक्ष में अदालत द्वारा पारित पहले के आदेश की ओर इशारा किया और टिप्पणी की,

    "आपके पक्ष में कोई कठोर कदम नहीं उठाने का आदेश है। यह आपके हितों का ख्याल रखेगा।"

    जस्टिस बी वी नागरत्ना ने इस बिंदु पर टिप्पणी की,

    "आप मराठी भाषा के उपयोग का विरोध क्यों कर रहे हैं? इससे वहां के लोगों को मदद मिलेगी। वास्तव में और लोग नाम बोर्ड देखकर आपके पास आएंगे। आपको इससे समस्या क्यों है?"

    याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने जवाब दिया,

    "यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है, माय लॉर्ड्स। महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद अब स्थिति ऐसी है कि नई सरकार न तो इसका समर्थन करती और न ही इसका विरोध करती नजर आना चाहती है।"

    हालांकि, पीठ कोई आदेश पारित करने की इच्छुक नहीं थी और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।

    केस टाइटल: फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन बनाम महाराष्ट्र राज्य डब्ल्यू.पी. (सी) नंबर 775/2022

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