सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न सर्वाइवर के लिए नालसा पीड़ित मुआवजा योजना का पालन करने के लिए राज्यों को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
Brij Nandan
7 Jan 2023 4:44 AM GMT

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और बिहार राज्यों को सोशल एक्शन फोरम (SAF) की ओर से दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें सभी राज्यों को यौन पीड़ितों और अन्य अपराध, 2018 के लिए NALSA की मुआवजा योजना का पालन करने की मांग की गई थी।
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने की।
शुरुआत में, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ज्योतिका कालरा ने कहा कि याचिकाकर्ता यौन उत्पीड़न सर्वाइवर के साथ जुड़ा हुआ है।
उन्होंने बेंच को 21 यौन उत्पीड़न सर्वाइवर की सूची उपलब्ध कराई, जिनका याचिकाकर्ता ने समर्थन किया था।
उन्होंने कहा,
"नालसा की एक योजना है- पीड़ित मुआवजा योजना। यह योजना मुआवजे की मात्रा जैसी बहुत सी चीजें प्रदान करती है। हमने पाया है कि ऐसे पीड़ितों के लिए न्यूनतम मुआवजा नालसा के अनुसार पांच लाख है। जबकि, यूपी में अधिकतम मुआवजा तीन लाख है। मध्य प्रदेश में भी अधिकतम मुआवजा तीन लाख है। नितिन सक्सेना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि योजना का सभी राज्यों द्वारा अक्षरश: पालन किया जाना चाहिए।"
याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने चार राज्यों - उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और बिहार को पक्षकार बनाया है और अन्य राज्यों को भी जोड़ा जा सकता है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने मामले में नोटिस जारी करते हुए कहा,
“हम फिलहाल इन राज्यों को ही नोटिस जारी करेंगे। बाद में इसका विस्तार किया जा सकता है।'
केस टाइटल: मानव कुमार के लिए सोशल एक्शन फोरम बनाम भारत सरकार व अन्य W.P.(Crl.) नंबर 514/2022 X