सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी की पेंशन को चुनौती देने वाली अनावश्यक याचिका दायर करने के लिए तमिलनाडु सरकार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
Brij Nandan
28 Sept 2022 11:19 AM IST
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अनावश्यक विशेष अनुमति याचिका दायर करने के लिए तमिलनाडु राज्य पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा,
"शुरुआत में, यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि इस तरह राज्य को वर्तमान विशेष अनुमति याचिका दायर नहीं करनी चाहिए। इस तथ्य के बावजूद कि प्रतिवादी द्वारा पेंशन की पात्रता के संबंध में मामला इस न्यायालय तक समाप्त हो गया था, फिर भी इसके बाद, राज्य ने यह तर्क देने का दुस्साहस किया कि प्रतिवादी पेंशन का हकदार नहीं है।"
कर्मचारी की पेंशन पात्रता से संबंधित मामला मुकदमे के पहले दौर में, सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी के पेंशन के अधिकार की पुष्टि की थी। हालांकि, जब बकाया राशि के भुगतान का चरण आया, तो राज्य ने एक दलील दी कि कर्मचारी पेंशन का हकदार नहीं है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने फरवरी 2022 में दिए गए अपने फैसले से, राज्य के तर्क को खारिज कर दिया, यह देखते हुए कि विभाग ने कर्मचारी को उसकी पेंशन से वंचित करके उसके पैसे का दुरुपयोग किया है।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा था,
"अपीलकर्ताओं का 01.04.2009 से बकाया पेंशन नहीं देने का कृत्य मनमाना है। एक बार कर्मचारी की पेंशन की पात्रता तय हो जाने के बाद, अपीलकर्ता इसका भुगतान करने के लिए बाध्य हैं।"
इसे चुनौती देते हुए राज्य ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने राज्य के आचरण पर एक अत्यंत आलोचनात्मक दृष्टिकोण लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
"एक बार जब इस मुद्दे को इस अदालत तक पहुंचाया गया कि प्रतिवादी पेंशन का हकदार है, उसके बाद, राज्य के लिए 2009 के बाद फिर से दावा करने के लिए खुला नहीं था जब बकाया का भुगतान किया जाना था कि प्रतिवादी पेंशन का हकदार नहीं है। वर्तमान विशेष अनुमति याचिका में कोई सार नहीं है। वह खारिज करने योग्य है। इसलिए पांच लाख रुपए का जुर्माना के साथ याचिका खारिज की जाती है।"
पांच लाख रुपए 19 सितंबर से चार सप्ताह की अवधि के भीतर उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में राज्य द्वारा जमा किया जाना है और ऐसी जमा राशि पर, इसे मध्यस्थता और सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी), सुप्रीम कोर्ट को ट्रांसफर किया जाना है।
केस टाइटल: सरकार के सचिव एंड अन्य बनाम पीजी वेणुगोपाल
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