सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल में बाढ़ के पानी में बहते लकड़ी के लट्ठों पर जताई चिंता, कहा- पहाड़ों में अवैध पेड़ कटाई हो रही है
Amir Ahmad
4 Sept 2025 12:22 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (4 सितंबर) को हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ के दौरान पानी में बहते लकड़ी के लट्ठों के वीडियो का संज्ञान लेते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि हिमालयी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध पेड़ कटाई हो रही है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बी आर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा,
"हमने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में अभूतपूर्व भूस्खलन और बाढ़ देखी है। मीडिया रिपोर्ट्स से यह भी सामने आया कि बाढ़ के दौरान बड़ी संख्या में लकड़ी के लट्ठे बहते हुए दिखे। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि पहाड़ों में अवैध पेड़ कटाई हो रही है।"
खंडपीठ ने इस संबंध में केंद्र सरकार (पर्यावरण एवं जल शक्ति मंत्रालय), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर सरकारों को नोटिस जारी किया।
आदेश के बाद सीजेआई गवई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मौखिक रूप से कहा,
"यह एक गंभीर मुद्दा है। मीडिया में हमने देखा कि हिमाचल और उत्तराखंड में बड़ी संख्या में लकड़ी के लट्ठे बहते दिखे। अवैध पेड़ कटाई हो रही है।"
इस पर एसजी मेहता ने कहा कि वह आज ही पर्यावरण मंत्रालय के सचिव से बात करेंगे और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से संपर्क कराया जाएगा।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि चंडीगढ़ से मनाली के बीच 14 सुरंगें हैं, जो बारिश और भूस्खलन के दौरान मौत के जाल बन जाती हैं। उन्होंने उस रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि एक सुरंग में 300 लोग फंस गए।
केस टाइटल : Anamika Rana बनाम भारत संघ

