सुप्रीम कोर्ट ने 14 साल से अधिक समय तक हिरासत में रहे 12 दोषियों को जमानत दी

LiveLaw News Network

29 March 2022 6:45 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 12 दोषियों को जमानत पर रिहा कर दिया। उक्त दोषी 14 साल से अधिक समय से हिरासत में थे और उनकी जमानत याचिकाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट में वर्षों से लंबित थीं।

    जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने जमानत की मांग करने वाले दोषियों द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार करते हुए जमानत दी।

    रिट में दोषियों ने ऐसे मामलों को नोटिस में लाने के लिए हाईकोर्ट को निर्देश जारी करने की मांग की थी ताकि हाईकोर्ट मामलों में तेजी से जमानत दे सके।

    रिट याचिका में यह तर्क दिया गया कि दोषियों को पहले ही आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है और वास्तव में 14 साल की वास्तविक सजा से अधिक है, लेकिन उन्हें न तो जमानत पर रिहा किया गया और न ही उनकी आपराधिक अपील पर हाईकोर्ट द्वारा निर्णय लिया गया।

    अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा ​​ने कहा,

    "याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से कोई पर्याप्त न्याय पाने के लिए अपनी सभी उम्मीदें खो दी हैं और भले ही उन्हें हाईकोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया हो, वे पहले से ही वांछित सजा से अधिक सजा भुगत चुके हैं। इस तरह कोई उपयोगी उद्देश्य हल नहीं होगा। उक्त उदाहरण न केवल संविधान के अनुच्छेद 21 के पूर्ण उल्लंघन को प्रदर्शित करने के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि हुसैनारा खातून और हुसैन के मामले में रिपोर्ट किए गए एक सहित इस माननीय न्यायालय के फैसलों के संदर्भ में उचित दिखाई पड़ता है।"

    उल्लेखनीय है कि जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लंबे समय से लंबित आपराधिक अपीलों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए उन लोगों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया। जहां आरोपी पहले ही 10 साल से अधिक की सेवा कर चुका था और उसे एक बार में जमानत दी जा सकती थी।

    केस शीर्षक: राजेंद्र सिंह और अन्य बनाम यूपी राज्य | रिट याचिका (आपराधिक) 52/2022

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