COVID-19 के उपचार का दावा करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 10 हजार का जुर्माना, याचिका खारिज

LiveLaw News Network

21 Aug 2020 7:40 AM GMT

  • COVID-19 के उपचार का दावा करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 10 हजार का जुर्माना, याचिका खारिज

    सुप्रीम कोर्ट ने उस आयुर्वेदिक डॉक्टर पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है जिसने दावा किया था कि COVID-19 का उसने उपचार ढूंढ लिया है।

    सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने हरियाणा के ओमप्रकाश वैद ज्ञानतारा पर याचिका दाखिल करने के लिए कड़ी फटकार भी लगाई जिसमें अदालत से निर्देश मांगा गया था कि उनकी दवा का इस्तेमाल देश भर के सभी डॉक्टरों, अस्पतालों द्वारा किया जाना चाहिए।

    न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी ( BAMS) के डिग्रीधारक ज्ञानतारा की जनहित याचिका में कहा गया था कि अदालत भारत सरकार के सचिव, स्वास्थ्य विभाग, को COVID ​​-19 के इलाज के लिए उनके द्वारा बनाई गई दवाओं का उपयोग करने का निर्देश जारी करे। दलीलों में दावा किया गया कि ज्ञानतारा के पास दवा के देसी संस्करण के रूप में घातक संक्रमण का इलाज है।

    लेकिन पीठ ने इस तरह के दावों को बेबुनियाद माना और सुप्रीम कोर्ट में इस तरह की जनहित याचिका दायर करने पर कड़ा रुख अपनाया। अदालत ने विचार किया कि जनहित याचिका में मांगे गए दिशा- निर्देश पूरी तरह से गलत हैं और यह संदेश देने का समय आ गया कि लोगों को ऐसी सामग्री के साथ अदालत का रुख नहीं करना चाहिए।

    पीठ ने कहा कि इस तरह की याचिका दायर करने में याचिकाकर्ता की मंशा अपनी ओर ध्यान खींचने और प्रचार करने की लगती है।

    पीठ ने कहा,

    " हमारा विचार है कि इस तरह की याचिकाओं को बंद करना होगा और कोई भी और हर कोई सोचता है कि उनके पास स्थिति के लिए कुछ इलाज है।"

    अदालत ने गुरुवार को जारी अपने आदेश में कहा कि इस तरह के याचिकाकर्ता संभवतः केवल कुछ प्रचार हासिल करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को लागू करना चाहते हैं। न्यायिक समय की ऐसी बर्बादी पूरी तरह से अनुचित है।

    इसके बाद पीठ ने चार सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड वेलफेयर फंड में 10,000 रुपये का जुर्माना जमा कराने का आदेश देते हुए रिट याचिका को खारिज कर दिया। 

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