सुप्रीम कोर्ट ने यूपी एफआईआर केस में मोहम्मद जुबैर की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ाई, अगली सुनवाई सिंतबर में होगी

Brij Nandan

12 July 2022 6:34 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने यूपी एफआईआर केस में मोहम्मद जुबैर की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ाई, अगली सुनवाई सिंतबर में होगी

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज (Alt News) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) को उत्तर प्रदेश में सीतापुर में दर्ज एफआईआर केस में 5 दिनों की अंतरिम जमानत को अगले आदेश तक बढ़ा दी है।

    जुबैर ने एक ट्वीट किया था ,जिसमें उन्होंने कथित तौर पर 3 हिंदू संतों- यति नरसिंहानंद सरस्वती, बजरंग मुनि को 'हेट मोंगर्स यानी नफरत फैलाने वाले' कहा था। इसके खिलाफ यूपी पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया था। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था। इसी के खिलाफ जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

    यह आदेश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने उक्त एफआईआर को रद्द करने से इलाहाबाद हाईकोर्ट के इनकार को चुनौती देने वाली जुबैर द्वारा दायर याचिका को स्थगित करते हुए पारित किया था।

    शुरुआत में, यूपी पुलिस की ओर से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। उन्होंने कहा कि जुबैर पहले से ही अंतरिम जमानत पर हैं और इसलिए उन्हें समय दिया जा सकता है।

    जुबैर की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि जमानत केवल 5 दिनों के लिए थी और कल समाप्त होने वाली है।

    इस पर विचार करते हुए, पीठ ने सीतापुर पुलिस एफआईआर केस में अंतरिम जमानत को अगले आदेश तक बढ़ा दिया और यूपी राज्य को अपना काउंटर एफिडेविट दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया।

    मामले को अब अंतिम निपटान के लिए 7 सितंबर, 2022 को सूचीबद्ध किया गया है।

    उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

    8 जुलाई, 2022 को जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की अवकाश पीठ ने मोहम्मद जुबैर को 5 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दे दी।

    पीठ ने कहा था कि राहत इस शर्त पर दी गई है कि वह आगे कोई ट्वीट नहीं करेंगे। यह स्पष्ट किया कि उसने प्राथमिकी में जांच पर रोक नहीं लगाई है और अंतरिम राहत उसके खिलाफ लंबित किसी अन्य मामले पर लागू नहीं होती है।

    सीतापुर एफआईआर में अदालत द्वारा जुबैर जमानत दिए जाने के बाद, उन्हें यूपी के लखीमपुर खीरी जिले की एक अदालत ने एक अन्य प्राथमिकी में रिमांड पर लिया, जो उनके द्वारा सुदर्शन न्यूज टीवी की एक रिपोर्ट के बारे में किए गए एक ट्वीट पर दर्ज की गई थी।

    उन्हें दिल्ली पुलिस ने 27 जून को 2018 में उनके द्वारा किए गए एक ट्वीट पर दर्ज मामले में गिरफ्तार किया था। दिल्ली के एक मजिस्ट्रेट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद उन्हें उस मामले में रिमांड पर लिया था।

    केस टाइटल: मोहम्मद जुबैर बनाम यूपी राज्य और अन्य | डायरी नंबर । 18601/2022

    https://hindi.livelaw.in/category/news-updates/supreme-court-grants-interim-bail-to-mohammad-zubair-in-fir-registered-for-calling-hindu-saints-hate-mongers-203252


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