'हम बहुत खुश हैं' : सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 से होने वाली मौतों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि पर केंद्र के फैसले पर संतोष व्यक्त किया
LiveLaw News Network
23 Sept 2021 4:20 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को COVID-19 के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को अनुग्रह मुआवजा प्रदान करने के केंद्र के फैसले पर खुशी व्यक्त की।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीआरएफ) द्वारा तैयार दिशा-निर्देशों के अनुसार, COVID-19 मौतों के लिए अनुग्रह मुआवजा 50,000 रुपये तय किया गया है।
इसका भुगतान राज्यों द्वारा राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से किया जाएगा।
जस्टिस एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की बेंच ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार के फैसले से पीड़ित लोगों को कुछ राहत मिलेगी।
न्यायमूर्ति शाह मौखिक रूप से कहा,
"आज हम बहुत खुश हैं। यह पीड़ित लोगों के लिए कुछ सांत्वना होगी। सरकार जो कुछ भी कर रही है... हमें खुशी है कि पीड़ित व्यक्ति के आँसू पोंछने के लिए कुछ किया जा रहा है।"
न्यायमूर्ति शाह ने कहा,
"हमें इस तथ्य का न्यायिक नोटिस लेना होगा कि भारत सरकार ने जो किया है, कोई अन्य देश नहीं कर सकता।"
गुरुवार को हुई सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को एसडीआरएफ द्वारा जारी दिशा-निर्देशों से अवगत कराया।
एसडीआरएफ COVID-19 के कारण मरने वालों के परिजनों को अनुग्रह मुआवजा प्रदान करते है।
एसजी ने कहा,
"एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए हमने तय किया गया कि एसडीआरएफ से राज्य मृतकों के परिजनों को 50,000 रुपये देंगे, जिनकी मृत्यु COVID-19 के कारण हुई है।"
एसजी ने कहा,
"हम नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते, लेकिन हम कुछ कर सकते हैं।"
अदालत 30 जून के फैसले के अनुपालन की मांग करने वाले एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश जारी किए गए थे कि वे COVID-19 के कारण मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए COVID मामलों में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में दिशानिर्देश तैयार करें और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए दिशानिर्देश जारी करें।
केंद्र सरकार ने 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि तय करने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बनाए गए दिशानिर्देशों के बारे में अदालत को सूचित करते हुए अनुपालन हलफनामा दायर किया।
केंद्र के उपायों पर संतोष व्यक्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह चार अक्टूबर को उचित आदेश पारित करेगा।
केस शीर्षक: गौरव कुमार बंसल बनाम भारत संघ