सुप्रीम कोर्ट ने राजनेताओं को बार एसोसिएशन और बार काउंसिल का पदाधिकारी नहीं बनने की मांग वाली याचिका खारिज की
Shahadat
6 Dec 2024 12:46 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, जिसमें यह निर्देश देने की मांग की गई कि जो लोग राजनीतिक दलों के सदस्य हैं, उन्हें बार एसोसिएशन और बार काउंसिल का पदाधिकारी नहीं बनना चाहिए।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि राजनीतिक विचारधारा वाले लोगों का बार निकायों में पद धारण करना गलत नहीं है।
जस्टिस कांत ने पूछा,
"अगर बार के किसी पदाधिकारी की कोई राजनीतिक विचारधारा है तो इसमें क्या गलत है? आप मिस्टर सिब्बल को SCBA के अध्यक्ष पद से हटाना चाहते हैं? आप मिस्टर (मनन कुमार) मिश्रा को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद से हटाना चाहते हैं?"
याचिकाकर्ता का तर्क था कि अगर राजनीतिक विचारधारा वाले लोग उनके निर्वाचित नेता बन जाते हैं, तो बार निकायों की स्वतंत्रता से समझौता हो जाएगा।
जस्टिस कांत ने राम जेठमलानी का उदाहरण दिया, जिन्होंने राजनीति में सक्रिय रहते हुए भी बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा,
क्या आप चाहते हैं कि बार को ऐसे बहुमुखी प्रतिभा वाले व्यक्तियों की सेवाओं से वंचित रखा जाए।
याचिकाकर्ता को अभ्यावेदन जारी रखने की स्वतंत्रता देते हुए याचिका खारिज कर दी गई।
केस टाइटल: सी.आर. जया सुकिन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया | : डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 795/2024