‘COVID-19 में पैरोल पर रिहा हुए सभी कैदी 15 दिनों के भीतर सरेंडर करें’: सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश
Brij Nandan
24 March 2023 7:24 AM GMT
![‘COVID-19 में पैरोल पर रिहा हुए सभी कैदी 15 दिनों के भीतर सरेंडर करें’: सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश ‘COVID-19 में पैरोल पर रिहा हुए सभी कैदी 15 दिनों के भीतर सरेंडर करें’: सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2023/03/24/750x450_465074-396761-prison-and-sc.jpg)
COVID-19 के दौरान देश भर में कई कैदियों को पैरोल दी गई थी। पैरोल का मतलब- कैदी की अस्थाई रिहाई। आज सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के समय पैरोल पर रिहा हुए सभी कैदियों को 15 दिनों के भीतर सरेंडर करने का निर्देश दिया है। हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिश पर COVID-19 के समय कैदियों को आपातकालीन पैरोल दी गई थी।
ये आदेश जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की डिवीजन बेंच ने दिया। बेंच ने कहा कि COVID-19 के समय पैरोल पर रिहा हुए सभी कैदी 15 दिनों के भीतर खुद को सरेंडर करें। सरेंडर जेल अधिकारी के समक्ष की जाए।
बेंच ने ये भी निर्देश दिया कि सरेंडर के बाद कैदी जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। उनके आवेदन पर कानून के अनुसार विचार किया जाएगा। इसके साथ ही आपातकालीन पैराल पर रिहा कैदी अदालत के समक्ष अपनी सजा को निलांबित करने की भी मांग कर सकते हैं।
दरअसल, साल 2020 और 2021 में COVID के मामले लगातार बढ़ रहे थे। लोगों की जानें जा रही थीं। जेलों में भीड़भाड से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान के मामले में कई आदेश दिए थे।
कैदियों को पैरोल देने के मसले को लेकर कोर्ट ने हाई पावर्ड कमेटी गठित की थी। इस कमेटी को ये देखना था कि किन कैदियों को आपाताकलीन पैरोल दी जा सकती है।
2020 और 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने जेलों की भीड़भाड़ से बचने के लिए कैदियों को आपातकालीन पैरोल देने के लिए महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान स्वत: संज्ञान मामले में कई आदेश पारित किए थे।
Case : In Re : Contagion of COVID-19 Virus in Prisons, SMW(C) No. 1/2020
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