सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने को चुनौती देने वाली याचिका में जज को प्रतिवादी बनाने पर याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया

LiveLaw News Network

26 Feb 2022 10:04 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐसी याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया, जिसमें याचिकाकर्ता ने जमानत देने वाले न्यायाधीश को प्रतिवादी बनाया। शीर्ष अदालत आरोपी (ओं) को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने पाया कि याचिका में जमानत का आदेश देने वाले जज का नाम प्रतिवादी के रूप में लिखा था।

    जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने अपने आदेश में मजिस्ट्रेट की निंदा करने के लिए याचिकाकर्ता के आचरण पर ऐतराज़ किया और कहा,

    " सबसे पहले तो हम ऐसा कोई कारण नहीं देखते कि याचिकाकर्ता ने सीधे इस न्यायालय में मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देने वाली यह रिट याचिका क्यों दायर की। इसके अलावा हम यह भी समझने में विफल हैं कि जमानत देने वाले न्यायाधीश को प्रतिवादी संख्या 6 के रूप में नाम से पक्षकार क्यों बनाया गया है और साथ ही अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, जिन्होंने मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, उन्हें प्रतिवादी संख्या 7 के रूप में नामित किया गया है। याचिकाकर्ता का उक्त आचरण निंदनीय है।"

    याचिकाकर्ताओं ने प्रतिवादी संख्या 2 से 5 को जमानत देने के मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी थी।

    शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को सुनवाई की तारीख से चार सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड वेलफेयर फंड में जुर्माने की राशि जमा करने का भी निर्देश दिया।

    केस शीर्षक : बलाक्रम @ भूरा बनाम यूपी और अन्य राज्य | रिट याचिका 48/2022

    कोरम : जस्टिस विनीत सरन और सीटी रविकुमार

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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